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| आहारैरुपचारैश्च वातलैः कुपितोऽनिलः| | | आहारैरुपचारैश्च वातलैः कुपितोऽनिलः| |
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| जनयेत्कृष्णपाण्डुत्वं [१] तथा रूक्षारुणाङ्गताम्||१७|| | | जनयेत्कृष्णपाण्डुत्वं [१] तथा रूक्षारुणाङ्गताम्||१७|| |
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| अङ्गमर्दं रुजं तोदं कम्पं पार्श्वशिरोरुजम्| | | अङ्गमर्दं रुजं तोदं कम्पं पार्श्वशिरोरुजम्| |
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| वर्चःशोषास्यवैरस्यशोफानाहबलक्षयान्||१८|| | | वर्चःशोषास्यवैरस्यशोफानाहबलक्षयान्||१८|| |
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| āhārairupacāraiśca Vātalaiḥ kupitō'nilaḥ| | | āhārairupacāraiśca Vātalaiḥ kupitō'nilaḥ| |
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| janayētkr̥ṣṇapāṇḍutvaṁ [1] tathā rūkṣāruṇāṅgatām||17|| | | janayētkr̥ṣṇapāṇḍutvaṁ [1] tathā rūkṣāruṇāṅgatām||17|| |
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| aṅgamardaṁ rujaṁ tōdaṁ kampaṁ pārśvaśirōrujam| | | aṅgamardaṁ rujaṁ tōdaṁ kampaṁ pārśvaśirōrujam| |
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| varcaḥśōṣāsyavairasyaśōphānāhabalakṣayān||18|| | | varcaḥśōṣāsyavairasyaśōphānāhabalakṣayān||18|| |
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| AhArairupacAraishca vAtalaiH kupito~anilaH| | | AhArairupacAraishca vAtalaiH kupito~anilaH| |
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| janayetkRuShNapANDutvaM [1] tathA rUkShAruNA~ggatAm||17|| | | janayetkRuShNapANDutvaM [1] tathA rUkShAruNA~ggatAm||17|| |
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| a~ggamardaM rujaM todaM kampaM pArshvashirorujam| | | a~ggamardaM rujaM todaM kampaM pArshvashirorujam| |
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| varcaHshoShAsyavairasyashophAnAhabalakShayAn||18|| | | varcaHshoShAsyavairasyashophAnAhabalakShayAn||18|| |
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