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| तत्र श्लोकः- | | तत्र श्लोकः- |
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| प्रासृतिकाः सव्यापत्क्रिया निरूहास्तथाऽतिसारहिताः| | | प्रासृतिकाः सव्यापत्क्रिया निरूहास्तथाऽतिसारहिताः| |
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| रसकल्पघृतयवाग्वश्चोक्ता गुरुणा प्रसृतसिद्धौ||४६|| | | रसकल्पघृतयवाग्वश्चोक्ता गुरुणा प्रसृतसिद्धौ||४६|| |
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| tatra ślōkaḥ- | | tatra ślōkaḥ- |
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| prāsṛtikāḥ savyāpatkriyā nirūhāstathā'tisārahitāḥ| | | prāsṛtikāḥ savyāpatkriyā nirūhāstathā'tisārahitāḥ| |
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| rasakalpaghṛtayavāgvaścōktā [1] guruṇā prasṛtasiddhau||46|| | | rasakalpaghṛtayavāgvaścōktā [1] guruṇā prasṛtasiddhau||46|| |
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| tatra shlokaH- | | tatra shlokaH- |
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| prAsRutikAH savyApatkriyA nirUhAstathA~atisArahitAH| | | prAsRutikAH savyApatkriyA nirUhAstathA~atisArahitAH| |
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| rasakalpaghRutayavAgvashcoktA [1] guruNA prasRutasiddhau||46|| | | rasakalpaghRutayavAgvashcoktA [1] guruNA prasRutasiddhau||46|| |
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| इत्यग्निवेशकृते तन्त्रे चरकप्रतिसंस्कृतेऽप्राप्ते | | इत्यग्निवेशकृते तन्त्रे चरकप्रतिसंस्कृतेऽप्राप्ते |
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| दृढबलसम्पूरिते सिद्धिस्थाने प्रासृतयोगीयसिद्धिर्नामाष्टमोऽध्यायः ||८|| | | दृढबलसम्पूरिते सिद्धिस्थाने प्रासृतयोगीयसिद्धिर्नामाष्टमोऽध्यायः ||८|| |
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| ityagnivēśakṛtē tantrē carakapratisaṁskṛtē'prāptē | | ityagnivēśakṛtē tantrē carakapratisaṁskṛtē'prāptē |
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| dṛḍhabalasampūritē siddhisthānē prāsṛtayōgīyasiddhirnāmāṣṭamō'dhyāyaḥ [1] ||8|| | | dṛḍhabalasampūritē siddhisthānē prāsṛtayōgīyasiddhirnāmāṣṭamō'dhyāyaḥ [1] ||8|| |
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| ityagniveshakRute tantre carakapratisaMskRute~aprApte | | ityagniveshakRute tantre carakapratisaMskRute~aprApte |
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| dRuDhabalasampUrite siddhisthAne prAsRutayogIyasiddhirnAmAShTamo~adhyAyaH [1] ||8|| | | dRuDhabalasampUrite siddhisthAne prAsRutayogIyasiddhirnAmAShTamo~adhyAyaH [1] ||8|| |
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