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| हृदयस्याविशुद्धिश्च तन्द्रा चालस्यमेव च| | | हृदयस्याविशुद्धिश्च तन्द्रा चालस्यमेव च| |
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| ज्वरोऽविसर्गी बलवान् दोषाणामप्रवर्तनम्||१३४|| | | ज्वरोऽविसर्गी बलवान् दोषाणामप्रवर्तनम्||१३४|| |
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| लालाप्रसेको हृल्लासः क्षुन्नाशो विरसं मुखम्| | | लालाप्रसेको हृल्लासः क्षुन्नाशो विरसं मुखम्| |
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| स्तब्धसुप्तगुरुवं च गात्राणां बहुमूत्रता||१३५|| | | स्तब्धसुप्तगुरुवं च गात्राणां बहुमूत्रता||१३५|| |
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| न विड् जीर्णा न च ग्लानिर्ज्वरस्यामस्य लक्षणम्| | | न विड् जीर्णा न च ग्लानिर्ज्वरस्यामस्य लक्षणम्| |
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| aruciścāvipākaśca gurutvamudarasya ca||133|| | | aruciścāvipākaśca gurutvamudarasya ca||133|| |
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| hr̥dayasyāviśuddhiśca tandrā cālasyamēva ca| | | hr̥dayasyāviśuddhiśca tandrā cālasyamēva ca| |
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| jvarō'visargī balavān dōṣāṇāmapravartanam||134|| | | jvarō'visargī balavān dōṣāṇāmapravartanam||134|| |
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| lālāprasēkō hr̥llāsaḥ kṣunnāśō virasaṁ mukham| | | lālāprasēkō hr̥llāsaḥ kṣunnāśō virasaṁ mukham| |
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| stabdhasuptaguruvaṁ ca gātrāṇāṁ bahumūtratā||135|| | | stabdhasuptaguruvaṁ ca gātrāṇāṁ bahumūtratā||135|| |
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| hRudayasyAvishuddhishca tandrA cAlasyameva ca| | | hRudayasyAvishuddhishca tandrA cAlasyameva ca| |
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| jvaro~avisargI balavAn doShANAmapravartanam||134|| | | jvaro~avisargI balavAn doShANAmapravartanam||134|| |
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| lAlApraseko hRullAsaH kShunnAsho virasaM mukham| | | lAlApraseko hRullAsaH kShunnAsho virasaM mukham| |
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| stabdhasuptaguruvaM ca gAtrANAM bahumUtratA||135|| | | stabdhasuptaguruvaM ca gAtrANAM bahumUtratA||135|| |
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