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| सन्ध्यस्थिशूलमस्वेदो दोषवर्चोविनिग्रहः| | | सन्ध्यस्थिशूलमस्वेदो दोषवर्चोविनिग्रहः| |
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| अन्तर्वेगस्य लिङ्गानि ज्वरस्यैतानि लक्षयेत्||४०|| | | अन्तर्वेगस्य लिङ्गानि ज्वरस्यैतानि लक्षयेत्||४०|| |
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| सन्तापोऽभ्यधिको बाह्यस्तृष्णादीनां च मार्दवम्| | | सन्तापोऽभ्यधिको बाह्यस्तृष्णादीनां च मार्दवम्| |
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| बहिर्वेगस्य लिङ्गानि सुखसाध्यत्वमेव च||४१|| | | बहिर्वेगस्य लिङ्गानि सुखसाध्यत्वमेव च||४१|| |
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| sandhyasthiśūlamasvēdō dōṣavarcōvinigrahaḥ| | | sandhyasthiśūlamasvēdō dōṣavarcōvinigrahaḥ| |
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| antarvēgasya liṅgāni jwarasyaitāni lakṣayēt||40|| | | antarvēgasya liṅgāni jwarasyaitāni lakṣayēt||40|| |
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| santāpō'bhyadhikō bāhyastr̥ṣṇādīnāṁ ca mārdavam| | | santāpō'bhyadhikō bāhyastr̥ṣṇādīnāṁ ca mārdavam| |
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| bahirvēgasya liṅgāni sukhasādhyatvamēva ca||41|| | | bahirvēgasya liṅgāni sukhasādhyatvamēva ca||41|| |
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| sandhyasthishUlamasvedo doShavarcovinigrahaH| | | sandhyasthishUlamasvedo doShavarcovinigrahaH| |
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| antarvegasya li~ggAni jwarasyaitAni lakShayet||40|| | | antarvegasya li~ggAni jwarasyaitAni lakShayet||40|| |
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| santApo~abhyadhiko bAhyastRuShNAdInAM ca mArdavam| | | santApo~abhyadhiko bAhyastRuShNAdInAM ca mArdavam| |
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| bahirvegasya li~ggAni sukhasAdhyatvameva ca||41|| | | bahirvegasya li~ggAni sukhasAdhyatvameva ca||41|| |
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