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| | | |
| चिकित्सितं व्याधिहरं पथ्यं साधनमौषधम्| | | चिकित्सितं व्याधिहरं पथ्यं साधनमौषधम्| |
| + | |
| प्रायश्चित्तं प्रशमनंप्रकृतिस्थापनं हितम्||३|| | | प्रायश्चित्तं प्रशमनंप्रकृतिस्थापनं हितम्||३|| |
| | | |
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| | | |
| cikitsitaṁ vyādhiharaṁ pathyaṁ sādhanamauṣadham| | | cikitsitaṁ vyādhiharaṁ pathyaṁ sādhanamauṣadham| |
| + | |
| prāyaścittaṁ praśamanaṁ prakr̥tisthāpanaṁ hitam||3|| | | prāyaścittaṁ praśamanaṁ prakr̥tisthāpanaṁ hitam||3|| |
| | | |
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| | | |
| cikitsitaM vyAdhiharaM pathyaM sAdhanamauShadham| | | cikitsitaM vyAdhiharaM pathyaM sAdhanamauShadham| |
| + | |
| prAyashcittaM prashamanaM prakRutisthApanaM hitam||3|| | | prAyashcittaM prashamanaM prakRutisthApanaM hitam||3|| |
| | | |
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| ===== Types of ''Bheshaja'' ===== | | ===== Types of ''Bheshaja'' ===== |
| | | |
− | भेषजं द्विविधं च तत्| स्वस्थस्योर्जस्करं किञ्चित् किञ्चिदार्तस्य रोगनुत्||४|| | + | भेषजं द्विविधं च तत्| |
| | | |
− | bhēṣajaṁ dvividhaṁ ca tat| svasthasyōrjaskaraṁ kiñcit kiñcidārtasya | + | स्वस्थस्योर्जस्करं किञ्चित् किञ्चिदार्तस्य रोगनुत्||४|| |
− | rōganut||4|| | + | |
| + | bhēṣajaṁ dvividhaṁ ca tat| |
| + | |
| + | svasthasyōrjaskaraṁ kiñcit kiñcidārtasya rōganut||4|| |
| | | |
| .. bheShajaM dvividhaM ca tat| | | .. bheShajaM dvividhaM ca tat| |
| + | |
| svasthasyorjaskaraM ki~jcit ki~jcidArtasya roganut||4|| | | svasthasyorjaskaraM ki~jcit ki~jcidArtasya roganut||4|| |
| | | |
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| | | |
| स्वस्थस्योर्जस्करं यत्तु तद्वृष्यं तद्रसायनम्||५|| | | स्वस्थस्योर्जस्करं यत्तु तद्वृष्यं तद्रसायनम्||५|| |
| + | |
| प्रायः, प्रायेण रोगाणां द्वितीयं प्रशमेमतम्| | | प्रायः, प्रायेण रोगाणां द्वितीयं प्रशमेमतम्| |
| + | |
| प्रायःशब्दोविशेषार्थो ह्युभयं ह्युभयार्थकृत्||६|| | | प्रायःशब्दोविशेषार्थो ह्युभयं ह्युभयार्थकृत्||६|| |
| | | |
| svasthasyōrjaskaraṁ yattu tadvr̥ṣyaṁ tadrasāyanam||5|| | | svasthasyōrjaskaraṁ yattu tadvr̥ṣyaṁ tadrasāyanam||5|| |
| + | |
| prāyaḥ, prāyēṇa rōgāṇāṁ dvitīyaṁ praśamē matam| | | prāyaḥ, prāyēṇa rōgāṇāṁ dvitīyaṁ praśamē matam| |
| + | |
| prāyaḥśabdō viśēṣārthō hyubhayaṁ hyubhayārthakr̥t||6|| | | prāyaḥśabdō viśēṣārthō hyubhayaṁ hyubhayārthakr̥t||6|| |
| | | |
| svasthasyorjaskaraM yattu tadvRuShyaM tadrasAyanam||5|| | | svasthasyorjaskaraM yattu tadvRuShyaM tadrasAyanam||5|| |
| + | |
| prAyaH, prAyeNa rogANAM dvitIyaM prashame matam| | | prAyaH, prAyeNa rogANAM dvitIyaM prashame matam| |
| + | |
| prAyaHshabdo visheShArtho hyubhayaM hyubhayArthakRut||6|| | | prAyaHshabdo visheShArtho hyubhayaM hyubhayArthakRut||6|| |
| | | |
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| शरेक्षुदर्भकाशानां शालीनां मूलमेव च||४४|| | | शरेक्षुदर्भकाशानां शालीनां मूलमेव च||४४|| |
| | | |
− | इत्येषां पञ्चमूलानां|पञ्चानामुपकल्पयेत्| | + | इत्येषां पञ्चमूलानां पञ्चानामुपकल्पयेत्| |
| | | |
| भागान् यथोक्तांस्तत्सर्वं साध्यं दशगुणेऽम्भसि||४५|| | | भागान् यथोक्तांस्तत्सर्वं साध्यं दशगुणेऽम्भसि||४५|| |
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| | | |
| भवन्ति चात्र- | | भवन्ति चात्र- |
| + | |
| इदं रसायनं ब्राह्मं महर्षिगणसेवितम्| | | इदं रसायनं ब्राह्मं महर्षिगणसेवितम्| |
| | | |
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| | | |
| (इति द्वितीयं ब्राह्मरसायनम्)| | | (इति द्वितीयं ब्राह्मरसायनम्)| |
| + | |
| bhavanti cātra- | | bhavanti cātra- |
| + | |
| idaṁ rasāyanaṁ brāhmaṁ maharṣigaṇasēvitam| | | idaṁ rasāyanaṁ brāhmaṁ maharṣigaṇasēvitam| |
| | | |
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| | | |
| bhavanti cAtra- | | bhavanti cAtra- |
| + | |
| idaM rasAyanaM brAhmaM maharShigaNasevitam| | | idaM rasAyanaM brAhmaM maharShigaNasevitam| |
| | | |
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| | | |
| बिल्वोऽग्निमन्थः श्योनाकः काश्मर्यः पाटलिर्बला| | | बिल्वोऽग्निमन्थः श्योनाकः काश्मर्यः पाटलिर्बला| |
| + | |
| पर्ण्यश्चतस्रः पिप्पल्यः श्वदंष्ट्रा बृहतीद्वयम्||६२|| | | पर्ण्यश्चतस्रः पिप्पल्यः श्वदंष्ट्रा बृहतीद्वयम्||६२|| |
| | | |
| शृङ्गी तामलकी द्राक्षा जीवन्ती पुष्करागुरु| | | शृङ्गी तामलकी द्राक्षा जीवन्ती पुष्करागुरु| |
| + | |
| अभया चामृता ऋद्धिर्जीवकर्षभकौ शटी||६३|| | | अभया चामृता ऋद्धिर्जीवकर्षभकौ शटी||६३|| |
| | | |
| मुस्तं पुनर्नवा मेदा सैला चन्दनमुत्पलम्| | | मुस्तं पुनर्नवा मेदा सैला चन्दनमुत्पलम्| |
| + | |
| विदारी वृषमूलानि काकोली काकनासिका||६४|| | | विदारी वृषमूलानि काकोली काकनासिका||६४|| |
| | | |
| एषां पलोन्मितान् भागाञ्छतान्यामलकस्य च| | | एषां पलोन्मितान् भागाञ्छतान्यामलकस्य च| |
| + | |
| पञ्च दद्यात्तदैकध्यं जलद्रोणे विपाचयेत्||६५|| | | पञ्च दद्यात्तदैकध्यं जलद्रोणे विपाचयेत्||६५|| |
| | | |
| ज्ञात्वा गतरसान्येतान्यौषधान्यथ तं रसम्| | | ज्ञात्वा गतरसान्येतान्यौषधान्यथ तं रसम्| |
| + | |
| तच्चामलकमुद्धृत्य निष्कुलं तैलसर्पिषोः||६६|| | | तच्चामलकमुद्धृत्य निष्कुलं तैलसर्पिषोः||६६|| |
| | | |
| पलद्वादशके भृष्ट्वा दत्त्वा चार्धतुलां भिषक्| | | पलद्वादशके भृष्ट्वा दत्त्वा चार्धतुलां भिषक्| |
| + | |
| मत्स्यण्डिकायाः पूताया लेहवत्साधु साधयेत्||६७|| | | मत्स्यण्डिकायाः पूताया लेहवत्साधु साधयेत्||६७|| |
| | | |
| षट्पलं मधुनश्चात्र सिद्धशीते प्रदापयेत्| | | षट्पलं मधुनश्चात्र सिद्धशीते प्रदापयेत्| |
| + | |
| चतुष्पलं तुगाक्षीर्याः पिप्पलीद्विपलं तथा||६८|| | | चतुष्पलं तुगाक्षीर्याः पिप्पलीद्विपलं तथा||६८|| |
| | | |
| पलमेकं निदध्याच्च त्वगेलापत्रकेशरात्| | | पलमेकं निदध्याच्च त्वगेलापत्रकेशरात्| |
| + | |
| इत्ययं च्यवनप्राशः परमुक्तो रसायनः||६९|| | | इत्ययं च्यवनप्राशः परमुक्तो रसायनः||६९|| |
| | | |
| कासश्वासहरश्चैव विशेषेणोपदिश्यते| | | कासश्वासहरश्चैव विशेषेणोपदिश्यते| |
| + | |
| क्षीणक्षतानां वृद्धानां बालानांचाङ्गवर्धनः||७०|| | | क्षीणक्षतानां वृद्धानां बालानांचाङ्गवर्धनः||७०|| |
| | | |
| स्वरक्षयमुरोरोगं हृद्रोगं वातशोणितम्| | | स्वरक्षयमुरोरोगं हृद्रोगं वातशोणितम्| |
| + | |
| पिपासां मूत्रशुक्रस्थान् दोषांश्चाप्यपकर्षति||७१|| | | पिपासां मूत्रशुक्रस्थान् दोषांश्चाप्यपकर्षति||७१|| |
| | | |
| अस्य मात्रांप्रयुञ्जीत योपरुन्ध्यान्न भोजनम्| | | अस्य मात्रांप्रयुञ्जीत योपरुन्ध्यान्न भोजनम्| |
| + | |
| अस्य प्रयोगाच्च्यवनःसुवृद्धोऽभूत्पुनर्युवा||७२|| | | अस्य प्रयोगाच्च्यवनःसुवृद्धोऽभूत्पुनर्युवा||७२|| |
| | | |
| मेधां स्मृतिं कान्तिमनामयत्वमायुःप्रकर्षं बलमिन्द्रियाणाम्| | | मेधां स्मृतिं कान्तिमनामयत्वमायुःप्रकर्षं बलमिन्द्रियाणाम्| |
| + | |
| स्त्रीषु प्रहर्षं परमग्निवृद्धिं वर्णप्रसादंपवनानुलोम्यम्||७३|| | | स्त्रीषु प्रहर्षं परमग्निवृद्धिं वर्णप्रसादंपवनानुलोम्यम्||७३|| |
| | | |
| रसायनस्यास्य नरः प्रयोगाल्लभेत जीर्णोऽपि कुटीप्रवेशात्| | | रसायनस्यास्य नरः प्रयोगाल्लभेत जीर्णोऽपि कुटीप्रवेशात्| |
| + | |
| जराकृतं रूपमपास्य सर्वं बिभर्ति रूपं नवयौवनस्य||७४|| | | जराकृतं रूपमपास्य सर्वं बिभर्ति रूपं नवयौवनस्य||७४|| |
| | | |
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| | | |
| bilvō'gnimanthaḥ śyōnākaḥ kāśmaryaḥ pāṭalirbalā| | | bilvō'gnimanthaḥ śyōnākaḥ kāśmaryaḥ pāṭalirbalā| |
| + | |
| parṇyaścatasraḥ pippalyaḥ śvadaṁṣṭrā br̥hatīdvayam||62|| | | parṇyaścatasraḥ pippalyaḥ śvadaṁṣṭrā br̥hatīdvayam||62|| |
| | | |
| śr̥ṅgī tāmalakī drākṣā jīvantī puṣkarāguru| | | śr̥ṅgī tāmalakī drākṣā jīvantī puṣkarāguru| |
| + | |
| abhayā cāmr̥tā r̥ddhirjīvakarṣabhakau śaṭī||63|| | | abhayā cāmr̥tā r̥ddhirjīvakarṣabhakau śaṭī||63|| |
| | | |
| mustaṁ punarnavā mēdā sailā candanamutpalam| | | mustaṁ punarnavā mēdā sailā candanamutpalam| |
| + | |
| vidārī vr̥ṣamūlāni kākōlī kākanāsikā||64|| | | vidārī vr̥ṣamūlāni kākōlī kākanāsikā||64|| |
| | | |
| ēṣāṁ palōnmitān bhāgāñchatānyāmalakasya ca| | | ēṣāṁ palōnmitān bhāgāñchatānyāmalakasya ca| |
| + | |
| pañca dadyāttadaikadhyaṁ jaladrōṇē vipācayēt||65|| | | pañca dadyāttadaikadhyaṁ jaladrōṇē vipācayēt||65|| |
| | | |
| jñātvā gatarasānyētānyauṣadhānyatha taṁ rasam| | | jñātvā gatarasānyētānyauṣadhānyatha taṁ rasam| |
| + | |
| taccāmalakamuddhr̥tya niṣkulaṁ tailasarpiṣōḥ||66|| | | taccāmalakamuddhr̥tya niṣkulaṁ tailasarpiṣōḥ||66|| |
| | | |
| paladvādaśakē bhr̥ṣṭvā dattvā cārdhatulāṁ bhiṣak| | | paladvādaśakē bhr̥ṣṭvā dattvā cārdhatulāṁ bhiṣak| |
| + | |
| matsyaṇḍikāyāḥ pūtāyā lēhavatsādhu sādhayēt||67|| | | matsyaṇḍikāyāḥ pūtāyā lēhavatsādhu sādhayēt||67|| |
| | | |
| ṣaṭpalaṁ madhunaścātra siddhaśītē pradāpayēt| | | ṣaṭpalaṁ madhunaścātra siddhaśītē pradāpayēt| |
| + | |
| catuṣpalaṁ tugākṣīryāḥ pippalīdvipalaṁ tathā||68|| | | catuṣpalaṁ tugākṣīryāḥ pippalīdvipalaṁ tathā||68|| |
| | | |
| palamēkaṁ nidadhyācca tvagēlāpatrakēśarāt| | | palamēkaṁ nidadhyācca tvagēlāpatrakēśarāt| |
| + | |
| ityayaṁ cyavanaprāśaḥ paramuktō rasāyanaḥ||69|| | | ityayaṁ cyavanaprāśaḥ paramuktō rasāyanaḥ||69|| |
| | | |
| kāsaśvāsaharaścaiva viśēṣēṇōpadiśyatē| | | kāsaśvāsaharaścaiva viśēṣēṇōpadiśyatē| |
| + | |
| kṣīṇakṣatānāṁ vr̥ddhānāṁ bālānāṁ cāṅgavardhanaḥ||70|| | | kṣīṇakṣatānāṁ vr̥ddhānāṁ bālānāṁ cāṅgavardhanaḥ||70|| |
| | | |
| svarakṣayamurōrōgaṁ hr̥drōgaṁ vātaśōṇitam| | | svarakṣayamurōrōgaṁ hr̥drōgaṁ vātaśōṇitam| |
| + | |
| pipāsāṁ mūtraśukrasthān dōṣāṁścāpyapakarṣati||71|| | | pipāsāṁ mūtraśukrasthān dōṣāṁścāpyapakarṣati||71|| |
| | | |
| asya mātrāṁ prayuñjīta yōparundhyānna bhōjanam| | | asya mātrāṁ prayuñjīta yōparundhyānna bhōjanam| |
| + | |
| asya prayōgāccyavanaḥ suvr̥ddhō'bhūt punaryuvā||72|| | | asya prayōgāccyavanaḥ suvr̥ddhō'bhūt punaryuvā||72|| |
| | | |
| mēdhāṁ smr̥tiṁ kāntimanāmayatvamāyuḥprakarṣaṁ balamindriyāṇām| | | mēdhāṁ smr̥tiṁ kāntimanāmayatvamāyuḥprakarṣaṁ balamindriyāṇām| |
| + | |
| strīṣu praharṣaṁ paramagnivr̥ddhiṁ varṇaprasādaṁ pavanānulōmyam||73|| | | strīṣu praharṣaṁ paramagnivr̥ddhiṁ varṇaprasādaṁ pavanānulōmyam||73|| |
| | | |
| rasāyanasyāsya naraḥ prayōgāllabhēta jīrṇō'pi kuṭīpravēśāt| | | rasāyanasyāsya naraḥ prayōgāllabhēta jīrṇō'pi kuṭīpravēśāt| |
| + | |
| jarākr̥taṁ rūpamapāsya sarvaṁ bibharti rūpaṁnavayauvanasya||74|| | | jarākr̥taṁ rūpamapāsya sarvaṁ bibharti rūpaṁnavayauvanasya||74|| |
| | | |
Line 961: |
Line 1,004: |
| | | |
| bilvo~agnimanthaH shyonAkaH kAshmaryaH pATalirbalA| | | bilvo~agnimanthaH shyonAkaH kAshmaryaH pATalirbalA| |
| + | |
| parNyashcatasraH pippalyaH shvadaMShTrA bRuhatIdvayam||62|| | | parNyashcatasraH pippalyaH shvadaMShTrA bRuhatIdvayam||62|| |
| | | |
| shRu~ggI tAmalakI drAkShA jIvantI puShkarAguru| | | shRu~ggI tAmalakI drAkShA jIvantI puShkarAguru| |
| + | |
| abhayA cAmRutA RuddhirjIvakarShabhakau shaTI||63|| | | abhayA cAmRutA RuddhirjIvakarShabhakau shaTI||63|| |
| | | |
| mustaM punarnavA medA sailA candanamutpalam| | | mustaM punarnavA medA sailA candanamutpalam| |
| + | |
| vidArI vRuShamUlAni kAkolI kAkanAsikA||64|| | | vidArI vRuShamUlAni kAkolI kAkanAsikA||64|| |
| | | |
| eShAM palonmitAn bhAgA~jchatAnyAmalakasya ca| | | eShAM palonmitAn bhAgA~jchatAnyAmalakasya ca| |
| + | |
| pa~jca dadyAttadaikadhyaM jaladroNe vipAcayet||65|| | | pa~jca dadyAttadaikadhyaM jaladroNe vipAcayet||65|| |
| | | |
| j~jAtvA gatarasAnyetAnyauShadhAnyatha taM rasam| | | j~jAtvA gatarasAnyetAnyauShadhAnyatha taM rasam| |
| + | |
| taccAmalakamuddhRutya niShkulaM tailasarpiShoH||66|| | | taccAmalakamuddhRutya niShkulaM tailasarpiShoH||66|| |
| | | |
| paladvAdashake bhRuShTvA dattvA cArdhatulAM bhiShak| | | paladvAdashake bhRuShTvA dattvA cArdhatulAM bhiShak| |
| + | |
| matsyaNDikAyAH pUtAyA lehavatsAdhu sAdhayet||67|| | | matsyaNDikAyAH pUtAyA lehavatsAdhu sAdhayet||67|| |
| | | |
| ShaTpalaM madhunashcAtra siddhashIte pradApayet| | | ShaTpalaM madhunashcAtra siddhashIte pradApayet| |
| + | |
| catuShpalaM tugAkShIryAH pippalIdvipalaM tathA||68|| | | catuShpalaM tugAkShIryAH pippalIdvipalaM tathA||68|| |
| | | |
| palamekaM nidadhyAcca tvagelApatrakesharAt| | | palamekaM nidadhyAcca tvagelApatrakesharAt| |
| + | |
| ityayaM cyavanaprAshaH paramukto rasAyanaH||69|| | | ityayaM cyavanaprAshaH paramukto rasAyanaH||69|| |
| | | |
| kAsashvAsaharashcaiva visheSheNopadishyate| | | kAsashvAsaharashcaiva visheSheNopadishyate| |
| + | |
| kShINakShatAnAM vRuddhAnAM bAlAnAM cA~ggavardhanaH||70|| | | kShINakShatAnAM vRuddhAnAM bAlAnAM cA~ggavardhanaH||70|| |
| | | |
| svarakShayamurorogaM hRudrogaM vAtashoNitam| | | svarakShayamurorogaM hRudrogaM vAtashoNitam| |
| + | |
| pipAsAM mUtrashukrasthAn doShAMshcApyapakarShati||71|| | | pipAsAM mUtrashukrasthAn doShAMshcApyapakarShati||71|| |
| | | |
| asya mAtrAM prayu~jjIta yoparundhyAnna bhojanam| | | asya mAtrAM prayu~jjIta yoparundhyAnna bhojanam| |
| + | |
| asya prayogAccyavanaH suvRuddho~abhUt punaryuvA||72|| | | asya prayogAccyavanaH suvRuddho~abhUt punaryuvA||72|| |
| | | |
| medhAM smRutiM kAntimanAmayatvamAyuHprakarShaM balamindriyANAm| | | medhAM smRutiM kAntimanAmayatvamAyuHprakarShaM balamindriyANAm| |
| + | |
| strIShu praharShaM paramagnivRuddhiM varNaprasAdaM pavanAnulomyam||73|| | | strIShu praharShaM paramagnivRuddhiM varNaprasAdaM pavanAnulomyam||73|| |
| | | |
| rasAyanasyAsya naraH prayogAllabheta jIrNo~api kuTIpraveshAt| | | rasAyanasyAsya naraH prayogAllabheta jIrNo~api kuTIpraveshAt| |
| + | |
| jarAkRutaM rUpamapAsya sarvaM bibharti rUpaM navayauvanasya||74|| | | jarAkRutaM rUpamapAsya sarvaM bibharti rUpaM navayauvanasya||74|| |
| | | |
Line 1,028: |
Line 1,084: |
| | | |
| (iti pañcamō harītakīyōgaḥ)| | | (iti pañcamō harītakīyōgaḥ)| |
| + | |
| harItakyAmalakabibhItakapa~jcapa~jcamUlaniryUhe pippalImadhukamadhUkakAkolIkShIrakAkolyAtmaguptAjIvakarShabhakakShIrashuklAkalkasamprayuktenavidArIsvarasena kShIrAShTaguNasamprayuktena ca sarpiShaH kumbhaM sAdhayitvA prayu~jjAno~agnibalasamAM [1] mAtrAM jIrNe ca kShIrasarpirbhyAMshAliShaShTikamuShNodakAnupAnamashna~jjarAvyAdhipApAbhicAravyapagatabhayaH sharIrendriyabuddhibalamatulamupalabhyApratihatasarvArambhaHparamAyuranavApnuyAt||76|| | | harItakyAmalakabibhItakapa~jcapa~jcamUlaniryUhe pippalImadhukamadhUkakAkolIkShIrakAkolyAtmaguptAjIvakarShabhakakShIrashuklAkalkasamprayuktenavidArIsvarasena kShIrAShTaguNasamprayuktena ca sarpiShaH kumbhaM sAdhayitvA prayu~jjAno~agnibalasamAM [1] mAtrAM jIrNe ca kShIrasarpirbhyAMshAliShaShTikamuShNodakAnupAnamashna~jjarAvyAdhipApAbhicAravyapagatabhayaH sharIrendriyabuddhibalamatulamupalabhyApratihatasarvArambhaHparamAyuranavApnuyAt||76|| |
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Line 1,102: |
| | | |
| ===== Summary ===== | | ===== Summary ===== |
| + | |
| भवन्तिचात्र- | | भवन्तिचात्र- |
| + | |
| यथाऽमराणाममृतं यथा भोगवतांसुधा| | | यथाऽमराणाममृतं यथा भोगवतांसुधा| |
| + | |
| तथाऽभवन्महर्षीणां रसायनविधिपुरा||७८|| | | तथाऽभवन्महर्षीणां रसायनविधिपुरा||७८|| |
| | | |
| न जरां न च दौर्बल्यं नातुर्यं निधनं न च| | | न जरां न च दौर्बल्यं नातुर्यं निधनं न च| |
| + | |
| जग्मुर्वर्षसहस्राणि रसायनपराः पुरा||७९|| | | जग्मुर्वर्षसहस्राणि रसायनपराः पुरा||७९|| |
| | | |
| न केवलं दीर्घमिहायुरश्नुते रसायनं योविधिवन्निषेवते| | | न केवलं दीर्घमिहायुरश्नुते रसायनं योविधिवन्निषेवते| |
| + | |
| गतिं स देवर्षिनिषेवितां शुभां प्रपद्यते ब्रह्म तथेति चाक्षयम्||८०|| | | गतिं स देवर्षिनिषेवितां शुभां प्रपद्यते ब्रह्म तथेति चाक्षयम्||८०|| |
| | | |
| bhavanticātra- | | bhavanticātra- |
| + | |
| yathā'marāṇāmamr̥taṁ yathā bhōgavatāṁ sudhā| | | yathā'marāṇāmamr̥taṁ yathā bhōgavatāṁ sudhā| |
| + | |
| tathā'bhavanmaharṣīṇāṁ rasāyanavidhiḥpurā||78|| | | tathā'bhavanmaharṣīṇāṁ rasāyanavidhiḥpurā||78|| |
| | | |
| na jarāṁ na ca daurbalyaṁ nāturyaṁ nidhanaṁ na ca| | | na jarāṁ na ca daurbalyaṁ nāturyaṁ nidhanaṁ na ca| |
| + | |
| jagmurvarṣasahasrāṇi rasāyanaparāḥ purā||79|| | | jagmurvarṣasahasrāṇi rasāyanaparāḥ purā||79|| |
| | | |
| na kēvalaṁ dīrghamihāyuraśnutē rasāyanaṁ yō vidhivanniṣēvatē| | | na kēvalaṁ dīrghamihāyuraśnutē rasāyanaṁ yō vidhivanniṣēvatē| |
| + | |
| gatiṁ sa dēvarṣiniṣēvitāṁ śubhāṁ prapadyatē brahma athēti cākṣayam||80|| | | gatiṁ sa dēvarṣiniṣēvitāṁ śubhāṁ prapadyatē brahma athēti cākṣayam||80|| |
| | | |
| bhavanti cAtra- | | bhavanti cAtra- |
| + | |
| yathA~amarANAmamRutaM yathA bhogavatAM sudhA| | | yathA~amarANAmamRutaM yathA bhogavatAM sudhA| |
| + | |
| tathA~abhavanmaharShINAM rasAyanavidhiH purA||78|| | | tathA~abhavanmaharShINAM rasAyanavidhiH purA||78|| |
| | | |
| na jarAM na ca daurbalyaM nAturyaM nidhanaM na ca| | | na jarAM na ca daurbalyaM nAturyaM nidhanaM na ca| |
| + | |
| jagmurvarShasahasrANi rasAyanaparAH purA||79|| | | jagmurvarShasahasrANi rasAyanaparAH purA||79|| |
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| na kevalaM dIrghamihAyurashnute rasAyanaM yo vidhivanniShevate| | | na kevalaM dIrghamihAyurashnute rasAyanaM yo vidhivanniShevate| |
| + | |
| gatiM sa devarShiniShevitAM shubhAM prapadyate brahma tatheti cAkShayam [2] ||80|| | | gatiM sa devarShiniShevitAM shubhAM prapadyate brahma tatheti cAkShayam [2] ||80|| |
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| तत्रश्लोकः- | | तत्रश्लोकः- |
| + | |
| अभयामलकीयेऽस्मिन् षड्योगाः परिकीर्तिताः| | | अभयामलकीयेऽस्मिन् षड्योगाः परिकीर्तिताः| |
| + | |
| रसायनानां सिद्धानामायुर्यैरनुवर्तते||८१|| | | रसायनानां सिद्धानामायुर्यैरनुवर्तते||८१|| |
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| tatra ślōkaḥ- | | tatra ślōkaḥ- |
| + | |
| abhayāmalakīyē'smin ṣaḍyōgāḥ parikīrtitāḥ| | | abhayāmalakīyē'smin ṣaḍyōgāḥ parikīrtitāḥ| |
| + | |
| rasāyanānāṁ siddhānāmāyuryairanuvartatē||81|| | | rasāyanānāṁ siddhānāmāyuryairanuvartatē||81|| |
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| tatra shlokaH- | | tatra shlokaH- |
| + | |
| abhayAmalakIye~asmin ShaDyogAH parikIrtitAH| | | abhayAmalakIye~asmin ShaDyogAH parikIrtitAH| |
| + | |
| rasAyanAnAM siddhAnAmAyuryairanuvartate||81|| | | rasAyanAnAM siddhAnAmAyuryairanuvartate||81|| |
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| अथातः प्राणकामीयं रसायनपादं व्याख्यास्यामः||१|| | | अथातः प्राणकामीयं रसायनपादं व्याख्यास्यामः||१|| |
| + | |
| इति ह स्माह भगवानात्रेयः||२|| | | इति ह स्माह भगवानात्रेयः||२|| |
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| athātaḥ prāṇakāmīyaṁ rasāyanapādaṁvyākhyāsyāmaḥ||1|| | | athātaḥ prāṇakāmīyaṁ rasāyanapādaṁvyākhyāsyāmaḥ||1|| |
| + | |
| iti ha smāha bhagavānātrēyaḥ||2|| | | iti ha smāha bhagavānātrēyaḥ||2|| |
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| athAtaH prANakAmIyaM rasAyanapAdaM vyAkhyAsyAmaH||1|| | | athAtaH prANakAmIyaM rasAyanapAdaM vyAkhyAsyAmaH||1|| |
| + | |
| iti ha smAha bhagavAnAtreyaH||2|| | | iti ha smAha bhagavAnAtreyaH||2|| |
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| भवतश्चात्र- | | भवतश्चात्र- |
| + | |
| बृहच्छरीरं गिरिसारसारं स्थिरेन्द्रियं चातिबलेन्द्रियं च| | | बृहच्छरीरं गिरिसारसारं स्थिरेन्द्रियं चातिबलेन्द्रियं च| |
| + | |
| अधृष्यमन्यैरतिकान्तरूपं प्रशस्तिपूजासुखचित्तभाक् च||५|| | | अधृष्यमन्यैरतिकान्तरूपं प्रशस्तिपूजासुखचित्तभाक् च||५|| |
| | | |
| बलं महद्वर्णविशुद्धिरग्र्या स्वरो घनौघस्तनितानुकारी| | | बलं महद्वर्णविशुद्धिरग्र्या स्वरो घनौघस्तनितानुकारी| |
| + | |
| भवत्यपत्यं विपुलं स्थिरं च समश्नतो योगमिमं नरस्य||६|| | | भवत्यपत्यं विपुलं स्थिरं च समश्नतो योगमिमं नरस्य||६|| |
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| bhavataścātra- | | bhavataścātra- |
| + | |
| br̥haccharīraṁ girisārasāraṁ sthirēndriyaṁ cātibalēndriyaṁ ca| | | br̥haccharīraṁ girisārasāraṁ sthirēndriyaṁ cātibalēndriyaṁ ca| |
| + | |
| adhr̥ṣyamanyairatikāntarūpaṁ praśastipūjāsukhacittabhāk ca||5|| | | adhr̥ṣyamanyairatikāntarūpaṁ praśastipūjāsukhacittabhāk ca||5|| |
| + | |
| balaṁ mahadvarṇaviśuddhiragryā svarō ghanaughastanitānukārī| | | balaṁ mahadvarṇaviśuddhiragryā svarō ghanaughastanitānukārī| |
| + | |
| bhavatyapatyaṁ vipulaṁ sthiraṁ ca samaśnatō yōgamimaṁ narasya||6|| | | bhavatyapatyaṁ vipulaṁ sthiraṁ ca samaśnatō yōgamimaṁ narasya||6|| |
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| bhavatashcAtra- | | bhavatashcAtra- |
| + | |
| bRuhaccharIraM girisArasAraM sthirendriyaM cAtibalendriyaM ca| | | bRuhaccharIraM girisArasAraM sthirendriyaM cAtibalendriyaM ca| |
| + | |
| adhRuShyamanyairatikAntarUpaM prashastipUjAsukhacittabhAk ca||5|| | | adhRuShyamanyairatikAntarUpaM prashastipUjAsukhacittabhAk ca||5|| |
| | | |
| balaM mahadvarNavishuddhiragryA svaro ghanaughastanitAnukArI| | | balaM mahadvarNavishuddhiragryA svaro ghanaughastanitAnukArI| |
| + | |
| bhavatyapatyaM vipulaM sthiraM ca samashnato yogamimaM narasya||6|| | | bhavatyapatyaM vipulaM sthiraM ca samashnato yogamimaM narasya||6|| |
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| भल्लातकान्यनुपहतान्यनामयान्यापूर्णरसप्रमाणवीर्याणि पक्वजाम्बवप्रकाशानि शुचौ शुक्रे वा मासेसङ्गृह्य यवपल्ले माषपल्ले वानिधापयेत्, तानि चतुर्मासस्थितानि सहसि सहस्ये वा मासे | | भल्लातकान्यनुपहतान्यनामयान्यापूर्णरसप्रमाणवीर्याणि पक्वजाम्बवप्रकाशानि शुचौ शुक्रे वा मासेसङ्गृह्य यवपल्ले माषपल्ले वानिधापयेत्, तानि चतुर्मासस्थितानि सहसि सहस्ये वा मासे |
− | प्रयोक्तुमारभेतशीतस्निग्धमधुरोपस्कृतशरीरः| पूर्वं दशभल्लातकान्यापोथ्याष्टगुणेनाम्भसा साधुसाधयेत्, तेषां रसमष्टभागावशेषं पूतं सपयस्कं पिबेत्सर्पिषाऽन्तर्मुखमभ्यज्य| तान्येकैकभल्लातकोत्कर्षापकर्षेण दशभल्लातकान्यात्रिंशतः प्रयोज्यानि, नातः परमुत्कर्षः| प्रयोगविधानेन सहस्रपर एवभल्लातकप्रयोगः| जीर्णे च ससर्पिषा पयसाशालिषष्टिकाशनमुपचारः, प्रयोगान्ते च द्विस्तावत् पयसैवोपचारः| तत्प्रयोगाद्वर्षशतमजरं वयस्तिष्ठतीति समानं पूर्वेण||१३|| | + | प्रयोक्तुमारभेतशीतस्निग्धमधुरोपस्कृतशरीरः| |
| + | पूर्वं दशभल्लातकान्यापोथ्याष्टगुणेनाम्भसा साधुसाधयेत्, तेषां रसमष्टभागावशेषं पूतं सपयस्कं पिबेत्सर्पिषाऽन्तर्मुखमभ्यज्य| |
| + | तान्येकैकभल्लातकोत्कर्षापकर्षेण दशभल्लातकान्यात्रिंशतः प्रयोज्यानि, नातः परमुत्कर्षः| |
| + | प्रयोगविधानेन सहस्रपर एवभल्लातकप्रयोगः| |
| + | जीर्णे च ससर्पिषा पयसाशालिषष्टिकाशनमुपचारः, प्रयोगान्ते च द्विस्तावत् पयसैवोपचारः| |
| + | तत्प्रयोगाद्वर्षशतमजरं वयस्तिष्ठतीति समानं पूर्वेण||१३|| |
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| (इति भल्लातकक्षीरम्)| | | (इति भल्लातकक्षीरम्)| |
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| भवन्तिचात्र- | | भवन्तिचात्र- |
| + | |
| भल्लातकानि तीक्ष्णानि पाकीन्यग्निसमानिच| | | भल्लातकानि तीक्ष्णानि पाकीन्यग्निसमानिच| |
| + | |
| भवन्त्यमृतकल्पानि प्रयुक्तानि यथाविधि||१७|| | | भवन्त्यमृतकल्पानि प्रयुक्तानि यथाविधि||१७|| |
| | | |
| एते दशविधास्त्वेषां प्रयोगाःपरिकीर्तिताः| | | एते दशविधास्त्वेषां प्रयोगाःपरिकीर्तिताः| |
| + | |
| रोगप्रकृतिसात्म्यज्ञस्तान् प्रयोगान् प्रकल्पयेत्||१८|| | | रोगप्रकृतिसात्म्यज्ञस्तान् प्रयोगान् प्रकल्पयेत्||१८|| |
| | | |
| कफजो न स रोगोऽस्ति न विबन्धोऽस्ति कश्चन| | | कफजो न स रोगोऽस्ति न विबन्धोऽस्ति कश्चन| |
| + | |
| यं न भल्लातकं हन्याच्छीघ्रं मेधाग्निवर्धनम्||१९|| | | यं न भल्लातकं हन्याच्छीघ्रं मेधाग्निवर्धनम्||१९|| |
| | | |
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| प्राणकामाः पुरा जीर्णाश्च्यवनाद्या महर्षयः| | | प्राणकामाः पुरा जीर्णाश्च्यवनाद्या महर्षयः| |
| + | |
| रसायनैः शिवैरेतैर्बभूवुरमितायुषः||२०|| | | रसायनैः शिवैरेतैर्बभूवुरमितायुषः||२०|| |
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| ब्राह्मं तपो ब्रह्मचर्यमध्यात्मध्यानमेव च| | | ब्राह्मं तपो ब्रह्मचर्यमध्यात्मध्यानमेव च| |
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| दीर्घायुषो यथाकामं सम्भृत्य त्रिदिवं गताः||२१|| | | दीर्घायुषो यथाकामं सम्भृत्य त्रिदिवं गताः||२१|| |
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| तस्मादायुःप्रकर्षार्थं प्राणकामैःसुखार्थिभिः| | | तस्मादायुःप्रकर्षार्थं प्राणकामैःसुखार्थिभिः| |
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| रसायनविधिः सेव्यो विधिवत्सुसमाहितैः||२२|| | | रसायनविधिः सेव्यो विधिवत्सुसमाहितैः||२२|| |
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| bhavanticātra- | | bhavanticātra- |
| + | |
| bhallātakāni tīkṣṇāni pākīnyagnisamānica| | | bhallātakāni tīkṣṇāni pākīnyagnisamānica| |
| + | |
| bhavantyamr̥takalpāni prayuktāni yathāvidhi||17|| | | bhavantyamr̥takalpāni prayuktāni yathāvidhi||17|| |
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| ētē daśavidhāstvēṣāṁ prayōgāḥparikīrtitāḥ| | | ētē daśavidhāstvēṣāṁ prayōgāḥparikīrtitāḥ| |
| + | |
| rōgaprakr̥tisātmyajñastān prayōgān prakalpayēt||18|| | | rōgaprakr̥tisātmyajñastān prayōgān prakalpayēt||18|| |
| | | |
| kaphajō na sa rōgō'sti navibandhō'stikaścana| | | kaphajō na sa rōgō'sti navibandhō'stikaścana| |
| + | |
| yaṁ na bhallātakaṁ hanyācchīghraṁ mēdhāgnivardhanam||19|| | | yaṁ na bhallātakaṁ hanyācchīghraṁ mēdhāgnivardhanam||19|| |
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| prāṇakāmāḥ purā jīrṇāścyavanādyāmaharṣayaḥ| | | prāṇakāmāḥ purā jīrṇāścyavanādyāmaharṣayaḥ| |
| + | |
| rasāyanaiḥ śivairētairbabhūvuramitāyuṣaḥ||20|| | | rasāyanaiḥ śivairētairbabhūvuramitāyuṣaḥ||20|| |
| | | |
| brāhmaṁ tapō brahmacaryamadhyātmadhyānamēva ca| | | brāhmaṁ tapō brahmacaryamadhyātmadhyānamēva ca| |
| + | |
| dīrghāyuṣō yathākāmaṁ sambhr̥tya tridivaṁ gatāḥ||21|| | | dīrghāyuṣō yathākāmaṁ sambhr̥tya tridivaṁ gatāḥ||21|| |
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| tasmādāyuḥprakarṣārthaṁ prāṇakāmaiḥ sukhārthibhiḥ| | | tasmādāyuḥprakarṣārthaṁ prāṇakāmaiḥ sukhārthibhiḥ| |
| + | |
| rasāyanavidhiḥ sēvyō vidhivatsusamāhitaiḥ||22|| | | rasāyanavidhiḥ sēvyō vidhivatsusamāhitaiḥ||22|| |
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| bhallAtakAni tIkShNAni pAkInyagnisamAni ca| | | bhallAtakAni tIkShNAni pAkInyagnisamAni ca| |
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| bhavantyamRutakalpAni prayuktAni yathAvidhi||17|| | | bhavantyamRutakalpAni prayuktAni yathAvidhi||17|| |
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| ete dashavidhAstveShAM prayogAH parikIrtitAH| | | ete dashavidhAstveShAM prayogAH parikIrtitAH| |
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| rogaprakRutisAtmyaj~jastAn prayogAn prakalpayet||18|| | | rogaprakRutisAtmyaj~jastAn prayogAn prakalpayet||18|| |
| | | |
| kaphajo na sa rogo~asti na vibandho~asti kashcana| | | kaphajo na sa rogo~asti na vibandho~asti kashcana| |
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| yaM na bhallAtakaM hanyAcchIghraM medhAgnivardhanam||19|| | | yaM na bhallAtakaM hanyAcchIghraM medhAgnivardhanam||19|| |
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| prANakAmAH purA jIrNAshcyavanAdyA maharShayaH| | | prANakAmAH purA jIrNAshcyavanAdyA maharShayaH| |
| + | |
| rasAyanaiH shivairetairbabhUvuramitAyuShaH||20|| | | rasAyanaiH shivairetairbabhUvuramitAyuShaH||20|| |
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| brAhmaM [1] tapo brahmacaryamadhyAtmadhyAnameva ca| | | brAhmaM [1] tapo brahmacaryamadhyAtmadhyAnameva ca| |
| + | |
| dIrghAyuSho yathAkAmaM sambhRutya tridivaM gatAH||21|| | | dIrghAyuSho yathAkAmaM sambhRutya tridivaM gatAH||21|| |
| | | |
| tasmAdAyuHprakarShArthaM prANakAmaiH sukhArthibhiH| | | tasmAdAyuHprakarShArthaM prANakAmaiH sukhArthibhiH| |
| + | |
| rasAyanavidhiH sevyo vidhivatsusamAhitaiH||22|| | | rasAyanavidhiH sevyo vidhivatsusamAhitaiH||22|| |
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| रसायनानां संयोगाः सिद्धाभूतहितैषिणा| | | रसायनानां संयोगाः सिद्धाभूतहितैषिणा| |
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| निर्दिष्टाः प्राणकामीये सप्तत्रिंशन्महर्षिणा ||२३|| | | निर्दिष्टाः प्राणकामीये सप्तत्रिंशन्महर्षिणा ||२३|| |
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| rasāyanānāṁ saṁyōgāḥ siddhā bhūtahitaiṣiṇā| | | rasāyanānāṁ saṁyōgāḥ siddhā bhūtahitaiṣiṇā| |
| + | |
| nirdiṣṭāḥ prāṇakāmīyē saptatriṁśanmaharṣiṇā ||23|| | | nirdiṣṭāḥ prāṇakāmīyē saptatriṁśanmaharṣiṇā ||23|| |
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| rasAyanAnAM saMyogAH siddhA bhUtahitaiShiNA| | | rasAyanAnAM saMyogAH siddhA bhUtahitaiShiNA| |
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| nirdiShTAH prANakAmIye saptatriMshanmaharShiNA ||23|| | | nirdiShTAH prANakAmIye saptatriMshanmaharShiNA ||23|| |
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