Line 2,241: |
Line 2,241: |
| | | |
| तृष्यते सलिलं चास्मै दद्याद्ध्रीबेरसाधितम् | | | तृष्यते सलिलं चास्मै दद्याद्ध्रीबेरसाधितम् | |
| + | |
| बलया पृश्निपर्ण्या वा कण्टकार्याऽथवा शृतम् ||१६५|| | | बलया पृश्निपर्ण्या वा कण्टकार्याऽथवा शृतम् ||१६५|| |
| | | |
| सनागराभिः सर्वाभिर्जलं वा शृतशीतलम् | | | सनागराभिः सर्वाभिर्जलं वा शृतशीतलम् | |
| + | |
| दुःस्पर्शेन समुस्तेन मुस्तपर्पटकेन वा ||१६६|| | | दुःस्पर्शेन समुस्तेन मुस्तपर्पटकेन वा ||१६६|| |
| | | |
| जलं मुस्तैः शृतं वाऽपि दद्याद्दोषविपाचनम् | | | जलं मुस्तैः शृतं वाऽपि दद्याद्दोषविपाचनम् | |
| + | |
| एतदेव च पानीयं सर्वत्रापि मदात्यये ||१६७|| | | एतदेव च पानीयं सर्वत्रापि मदात्यये ||१६७|| |
| | | |
| निरत्ययं पीयमानं पिपासाज्वरनाशनम् | | | निरत्ययं पीयमानं पिपासाज्वरनाशनम् | |
| + | |
| निरामं काङ्क्षितं काले सक्षौद्रं [१] पाययेत्तु तम् ||१६८|| | | निरामं काङ्क्षितं काले सक्षौद्रं [१] पाययेत्तु तम् ||१६८|| |
| | | |
| शार्करं मधु वा जीर्णमरिष्टं सीधुमेव वा | | | शार्करं मधु वा जीर्णमरिष्टं सीधुमेव वा | |
| + | |
| रूक्षतर्पणसंयुक्तं [२] यवानीनागरान्वितम् ||१६९|| | | रूक्षतर्पणसंयुक्तं [२] यवानीनागरान्वितम् ||१६९|| |
| | | |
| यावगौधूमिकं चान्नं रूक्षयूषेण भोजयेत् | | | यावगौधूमिकं चान्नं रूक्षयूषेण भोजयेत् | |
| + | |
| कुलत्थानां सुशुष्काणां मूलकानां रसेन वा ||१७०|| | | कुलत्थानां सुशुष्काणां मूलकानां रसेन वा ||१७०|| |
| | | |
| तनुनाऽल्पेन लघुना कट्वम्लेनाल्पसर्पिषा | | | तनुनाऽल्पेन लघुना कट्वम्लेनाल्पसर्पिषा | |
| + | |
| पटोलयूषमम्लं वा यूषमामलकस्य वा ||१७१|| | | पटोलयूषमम्लं वा यूषमामलकस्य वा ||१७१|| |
| | | |
| प्रभूतकटुसंयुक्तं सयवान्नं प्रदापयेत् | | | प्रभूतकटुसंयुक्तं सयवान्नं प्रदापयेत् | |
| + | |
| व्योषयूषमथाम्लं वा यूषं वा साम्लवेतसम् ||१७२|| | | व्योषयूषमथाम्लं वा यूषं वा साम्लवेतसम् ||१७२|| |
| | | |
| छागमांसरसं रूक्षमम्लं वा जाङ्गलं रसम् | | | छागमांसरसं रूक्षमम्लं वा जाङ्गलं रसम् | |
| + | |
| स्थाल्यां वाऽथ कपाले वा भृष्टं निर्द्रववर्तितम् [३] ||१७३|| | | स्थाल्यां वाऽथ कपाले वा भृष्टं निर्द्रववर्तितम् [३] ||१७३|| |
| | | |
| कट्वम्ललवणं मांसं भक्षयन् वृणुयान्मधु | | | कट्वम्ललवणं मांसं भक्षयन् वृणुयान्मधु | |
| + | |
| व्यक्तमारीचकं मांसं मातुलुङ्गरसान्वितम् ||१७४|| | | व्यक्तमारीचकं मांसं मातुलुङ्गरसान्वितम् ||१७४|| |
| | | |
| प्रभूतकटुसंयुक्तं यवानीनागरान्वितम् | | | प्रभूतकटुसंयुक्तं यवानीनागरान्वितम् | |
| + | |
| भृष्टं दाडिमसाराम्लमुष्णपूपोपवेष्टितम् ||१७५|| | | भृष्टं दाडिमसाराम्लमुष्णपूपोपवेष्टितम् ||१७५|| |
| | | |
| यथाग्नि भक्षयेत् काले प्रभूतार्द्रकपेशिकम् | | | यथाग्नि भक्षयेत् काले प्रभूतार्द्रकपेशिकम् | |
| + | |
| पिबेच्च निगदं मद्यं कफप्राये मदात्यये ||१७६|| | | पिबेच्च निगदं मद्यं कफप्राये मदात्यये ||१७६|| |
| | | |
| सौवर्चलमजाजी च वृक्षाम्लं साम्लवेतसम् | | | सौवर्चलमजाजी च वृक्षाम्लं साम्लवेतसम् | |
| + | |
| त्वगेलामरिचार्धांशं शर्कराभागयोजितम् ||१७७|| | | त्वगेलामरिचार्धांशं शर्कराभागयोजितम् ||१७७|| |
| | | |
| एतल्लवणमष्टाङ्गमग्निसन्दीपनं परम् | | | एतल्लवणमष्टाङ्गमग्निसन्दीपनं परम् | |
| + | |
| मदात्यये कफप्राये दद्यात् स्रोतोविशोधनम् ||१७८|| | | मदात्यये कफप्राये दद्यात् स्रोतोविशोधनम् ||१७८|| |
| | | |
| एतदेव पुनर्युक्त्या मधुराम्लैर्द्रवीकृतम् | | | एतदेव पुनर्युक्त्या मधुराम्लैर्द्रवीकृतम् | |
| + | |
| गोधूमान्नयवान्नानां मांसानां चातिरोचनम् ||१७९|| | | गोधूमान्नयवान्नानां मांसानां चातिरोचनम् ||१७९|| |
| | | |
− | पेषयेत् कटुकैर्युक्तां श्वेतां बीजविवर्जिताम् | | + | पेषयेत् कटुकैर्युक्तां श्वेतां बीजविवर्जिताम् | |
| + | |
| मृद्वीकां मातुलुङ्गस्य दाडिमस्य रसेन वा ||१८०|| | | मृद्वीकां मातुलुङ्गस्य दाडिमस्य रसेन वा ||१८०|| |
| | | |
| सौवर्चलैलामरिचैरजाजीभृङ्गदीप्यकैः | | | सौवर्चलैलामरिचैरजाजीभृङ्गदीप्यकैः | |
| + | |
| स रागः क्षौद्रसंयुक्तः श्रेष्ठो रोचनदीपनः [४] ||१८१|| | | स रागः क्षौद्रसंयुक्तः श्रेष्ठो रोचनदीपनः [४] ||१८१|| |
| | | |
| मृद्वीकाया विधानेन कारयेत् कारवीमपि | | | मृद्वीकाया विधानेन कारयेत् कारवीमपि | |
| + | |
| शुक्तमत्स्यण्डिकोपेतं रागं दीपनपाचनम् ||१८२|| | | शुक्तमत्स्यण्डिकोपेतं रागं दीपनपाचनम् ||१८२|| |
| | | |
| आम्रामलकपेशीनां रागान् कुर्यात् पृथक् पृथक् | | | आम्रामलकपेशीनां रागान् कुर्यात् पृथक् पृथक् | |
| + | |
| धान्यसौवर्चलाजाजीकारवीमरिचान्वितान् ||१८३|| | | धान्यसौवर्चलाजाजीकारवीमरिचान्वितान् ||१८३|| |
| | | |
| गुडेन [५] मधुयुक्तेन व्यक्ताम्ललवणीकृतान् | | | गुडेन [५] मधुयुक्तेन व्यक्ताम्ललवणीकृतान् | |
| + | |
| तैरन्नं रोचते दिग्धं सम्यग्भुक्तं च जीर्यति ||१८४|| | | तैरन्नं रोचते दिग्धं सम्यग्भुक्तं च जीर्यति ||१८४|| |
| | | |
| रूक्षोष्णेनान्नपानेन [६] स्नानेनाशिशिरेण च | | | रूक्षोष्णेनान्नपानेन [६] स्नानेनाशिशिरेण च | |
| + | |
| व्यायामलङ्घनाभ्यां च युक्त्या जागरणेन च ||१८५|| | | व्यायामलङ्घनाभ्यां च युक्त्या जागरणेन च ||१८५|| |
| | | |
| कालयुक्तेन रूक्षेण स्नानेनोद्वर्तनेन च | | | कालयुक्तेन रूक्षेण स्नानेनोद्वर्तनेन च | |
| + | |
| प्राणवर्णकराणां च [७] प्रघर्षाणां च सेवया ||१८६|| | | प्राणवर्णकराणां च [७] प्रघर्षाणां च सेवया ||१८६|| |
| | | |
| सेवया वसनानां च गुरूणामगुरोरपि | | | सेवया वसनानां च गुरूणामगुरोरपि | |
| + | |
| सङ्कोचोष्णसुखाङ्गीनामङ्गनानां च सेवया ||१८७|| | | सङ्कोचोष्णसुखाङ्गीनामङ्गनानां च सेवया ||१८७|| |
| | | |
| सुखशिक्षितहस्तानां स्त्रीणां संवाहनेन च | | | सुखशिक्षितहस्तानां स्त्रीणां संवाहनेन च | |
| + | |
| मदात्ययः कफप्रायः शीघ्रमेवोपशाम्यति ||१८८|| | | मदात्ययः कफप्रायः शीघ्रमेवोपशाम्यति ||१८८|| |
| | | |
Line 2,315: |
Line 2,339: |
| | | |
| tr̥ṣyatē salilaṁ cāsmai dadyāddhrībērasādhitam| | | tr̥ṣyatē salilaṁ cāsmai dadyāddhrībērasādhitam| |
| + | |
| balayā pr̥śniparṇyā vā kaṇṭakāryā'thavā śr̥tam||165|| | | balayā pr̥śniparṇyā vā kaṇṭakāryā'thavā śr̥tam||165|| |
| | | |
| sanāgarābhiḥ sarvābhirjalaṁ vā śr̥taśītalam| | | sanāgarābhiḥ sarvābhirjalaṁ vā śr̥taśītalam| |
| + | |
| duḥsparśēna samustēna mustaparpaṭakēna vā||166|| | | duḥsparśēna samustēna mustaparpaṭakēna vā||166|| |
| | | |
| jalaṁ mustaiḥ śr̥taṁ vā'pi dadyāddōṣavipācanam| | | jalaṁ mustaiḥ śr̥taṁ vā'pi dadyāddōṣavipācanam| |
| + | |
| ētadēva ca pānīyaṁ sarvatrāpi madātyayē||167|| | | ētadēva ca pānīyaṁ sarvatrāpi madātyayē||167|| |
| | | |
| niratyayaṁ pīyamānaṁ pipāsājvaranāśanam| | | niratyayaṁ pīyamānaṁ pipāsājvaranāśanam| |
| + | |
| nirāmaṁ kāṅkṣitaṁ kālē sakṣaudraṁ [1] pāyayēttu tam||168|| | | nirāmaṁ kāṅkṣitaṁ kālē sakṣaudraṁ [1] pāyayēttu tam||168|| |
| | | |
| śārkaraṁ madhu vā jīrṇamariṣṭaṁ sīdhumēva vā| | | śārkaraṁ madhu vā jīrṇamariṣṭaṁ sīdhumēva vā| |
| + | |
| rūkṣatarpaṇasaṁyuktaṁ [2] yavānīnāgarānvitam||169|| | | rūkṣatarpaṇasaṁyuktaṁ [2] yavānīnāgarānvitam||169|| |
| | | |
| yāvagaudhūmikaṁ cānnaṁ rūkṣayūṣēṇa bhōjayēt| | | yāvagaudhūmikaṁ cānnaṁ rūkṣayūṣēṇa bhōjayēt| |
| + | |
| kulatthānāṁ suśuṣkāṇāṁ mūlakānāṁ rasēna vā||170|| | | kulatthānāṁ suśuṣkāṇāṁ mūlakānāṁ rasēna vā||170|| |
| | | |
| tanunā'lpēna laghunā kaṭvamlēnālpasarpiṣā| | | tanunā'lpēna laghunā kaṭvamlēnālpasarpiṣā| |
| + | |
| paṭōlayūṣamamlaṁ vā yūṣamāmalakasya vā||171|| | | paṭōlayūṣamamlaṁ vā yūṣamāmalakasya vā||171|| |
| | | |
| prabhūtakaṭusaṁyuktaṁ sayavānnaṁ pradāpayēt| | | prabhūtakaṭusaṁyuktaṁ sayavānnaṁ pradāpayēt| |
| + | |
| vyōṣayūṣamathāmlaṁ vā yūṣaṁ vā sāmlavētasam||172|| | | vyōṣayūṣamathāmlaṁ vā yūṣaṁ vā sāmlavētasam||172|| |
| | | |
| chāgamāṁsarasaṁ rūkṣamamlaṁ vā jāṅgalaṁ rasam| | | chāgamāṁsarasaṁ rūkṣamamlaṁ vā jāṅgalaṁ rasam| |
| + | |
| sthālyāṁ vā'tha kapālē vā bhr̥ṣṭaṁ nirdravavartitam [3] ||173|| | | sthālyāṁ vā'tha kapālē vā bhr̥ṣṭaṁ nirdravavartitam [3] ||173|| |
| | | |
| kaṭvamlalavaṇaṁ māṁsaṁ bhakṣayan vr̥ṇuyānmadhu| | | kaṭvamlalavaṇaṁ māṁsaṁ bhakṣayan vr̥ṇuyānmadhu| |
| + | |
| vyaktamārīcakaṁ māṁsaṁ mātuluṅgarasānvitam||174|| | | vyaktamārīcakaṁ māṁsaṁ mātuluṅgarasānvitam||174|| |
| | | |
| prabhūtakaṭusaṁyuktaṁ yavānīnāgarānvitam| | | prabhūtakaṭusaṁyuktaṁ yavānīnāgarānvitam| |
| + | |
| bhr̥ṣṭaṁ dāḍimasārāmlamuṣṇapūpōpavēṣṭitam||175|| | | bhr̥ṣṭaṁ dāḍimasārāmlamuṣṇapūpōpavēṣṭitam||175|| |
| | | |
| yathāgni bhakṣayēt kālē prabhūtārdrakapēśikam| | | yathāgni bhakṣayēt kālē prabhūtārdrakapēśikam| |
| + | |
| pibēcca nigadaṁ madyaṁ kaphaprāyē madātyayē||176|| | | pibēcca nigadaṁ madyaṁ kaphaprāyē madātyayē||176|| |
| | | |
| sauvarcalamajājī ca vr̥kṣāmlaṁ sāmlavētasam| | | sauvarcalamajājī ca vr̥kṣāmlaṁ sāmlavētasam| |
| + | |
| tvagēlāmaricārdhāṁśaṁ śarkarābhāgayōjitam||177|| | | tvagēlāmaricārdhāṁśaṁ śarkarābhāgayōjitam||177|| |
| | | |
| ētallavaṇamaṣṭāṅgamagnisandīpanaṁ param| | | ētallavaṇamaṣṭāṅgamagnisandīpanaṁ param| |
| + | |
| madātyayē kaphaprāyē dadyāt srōtōviśōdhanam||178|| | | madātyayē kaphaprāyē dadyāt srōtōviśōdhanam||178|| |
| | | |
| ētadēva punaryuktyā madhurāmlairdravīkr̥tam| | | ētadēva punaryuktyā madhurāmlairdravīkr̥tam| |
| + | |
| gōdhūmānnayavānnānāṁ māṁsānāṁ cātirōcanam||179|| | | gōdhūmānnayavānnānāṁ māṁsānāṁ cātirōcanam||179|| |
| | | |
| pēṣayēt kaṭukairyuktāṁ śvētāṁ bījavivarjitām| | | pēṣayēt kaṭukairyuktāṁ śvētāṁ bījavivarjitām| |
| + | |
| mr̥dvīkāṁ mātuluṅgasya dāḍimasya rasēna vā||180|| | | mr̥dvīkāṁ mātuluṅgasya dāḍimasya rasēna vā||180|| |
| | | |
| sauvarcalailāmaricairajājībhr̥ṅgadīpyakaiḥ| | | sauvarcalailāmaricairajājībhr̥ṅgadīpyakaiḥ| |
| + | |
| sa rāgaḥ kṣaudrasaṁyuktaḥ śrēṣṭhō rōcanadīpanaḥ [4] ||181|| | | sa rāgaḥ kṣaudrasaṁyuktaḥ śrēṣṭhō rōcanadīpanaḥ [4] ||181|| |
| | | |
| mr̥dvīkāyā vidhānēna kārayēt kāravīmapi| | | mr̥dvīkāyā vidhānēna kārayēt kāravīmapi| |
| + | |
| śuktamatsyaṇḍikōpētaṁ rāgaṁ dīpanapācanam||182|| | | śuktamatsyaṇḍikōpētaṁ rāgaṁ dīpanapācanam||182|| |
| | | |
| āmrāmalakapēśīnāṁ rāgān kuryāt pr̥thak pr̥thak| | | āmrāmalakapēśīnāṁ rāgān kuryāt pr̥thak pr̥thak| |
| + | |
| dhānyasauvarcalājājīkāravīmaricānvitān||183|| | | dhānyasauvarcalājājīkāravīmaricānvitān||183|| |
| | | |
| guḍēna [5] madhuyuktēna vyaktāmlalavaṇīkr̥tān| | | guḍēna [5] madhuyuktēna vyaktāmlalavaṇīkr̥tān| |
| + | |
| tairannaṁ rōcatē digdhaṁ samyagbhuktaṁ ca jīryati||184|| | | tairannaṁ rōcatē digdhaṁ samyagbhuktaṁ ca jīryati||184|| |
| | | |
| rūkṣōṣṇēnānnapānēna [6] snānēnāśiśirēṇa ca| | | rūkṣōṣṇēnānnapānēna [6] snānēnāśiśirēṇa ca| |
| + | |
| vyāyāmalaṅghanābhyāṁ ca yuktyā jāgaraṇēna ca||185|| | | vyāyāmalaṅghanābhyāṁ ca yuktyā jāgaraṇēna ca||185|| |
| | | |
| kālayuktēna rūkṣēṇa snānēnōdvartanēna ca| | | kālayuktēna rūkṣēṇa snānēnōdvartanēna ca| |
| + | |
| prāṇavarṇakarāṇāṁ ca [7] pragharṣāṇāṁ ca sēvayā||186|| | | prāṇavarṇakarāṇāṁ ca [7] pragharṣāṇāṁ ca sēvayā||186|| |
| | | |
| sēvayā vasanānāṁ ca gurūṇāmagurōrapi| | | sēvayā vasanānāṁ ca gurūṇāmagurōrapi| |
| + | |
| saṅkōcōṣṇasukhāṅgīnāmaṅganānāṁ ca sēvayā||187|| | | saṅkōcōṣṇasukhāṅgīnāmaṅganānāṁ ca sēvayā||187|| |
| | | |
| sukhaśikṣitahastānāṁ strīṇāṁ saṁvāhanēna ca| | | sukhaśikṣitahastānāṁ strīṇāṁ saṁvāhanēna ca| |
| + | |
| madātyayaḥ kaphaprāyaḥ śīghramēvōpaśāmyati||188|| | | madātyayaḥ kaphaprāyaḥ śīghramēvōpaśāmyati||188|| |
| | | |
Line 2,389: |
Line 2,437: |
| | | |
| tRuShyate salilaM cAsmai dadyAddhrIberasAdhitam | | | tRuShyate salilaM cAsmai dadyAddhrIberasAdhitam | |
| + | |
| balayA pRushniparNyA vA kaNTakAryA~athavA shRutam ||165|| | | balayA pRushniparNyA vA kaNTakAryA~athavA shRutam ||165|| |
| | | |
| sanAgarAbhiH sarvAbhirjalaM vA shRutashItalam | | | sanAgarAbhiH sarvAbhirjalaM vA shRutashItalam | |
| + | |
| duHsparshena samustena mustaparpaTakena vA ||166|| | | duHsparshena samustena mustaparpaTakena vA ||166|| |
| | | |
| jalaM mustaiH shRutaM vA~api dadyAddoShavipAcanam | | | jalaM mustaiH shRutaM vA~api dadyAddoShavipAcanam | |
| + | |
| etadeva ca pAnIyaM sarvatrApi madAtyaye ||167|| | | etadeva ca pAnIyaM sarvatrApi madAtyaye ||167|| |
| | | |
| niratyayaM pIyamAnaM pipAsAjvaranAshanam | | | niratyayaM pIyamAnaM pipAsAjvaranAshanam | |
| + | |
| nirAmaM kA~gkShitaM kAle sakShaudraM [1] pAyayettu tam ||168|| | | nirAmaM kA~gkShitaM kAle sakShaudraM [1] pAyayettu tam ||168|| |
| | | |
| shArkaraM madhu vA jIrNamariShTaM sIdhumeva vA | | | shArkaraM madhu vA jIrNamariShTaM sIdhumeva vA | |
| + | |
| rUkShatarpaNasaMyuktaM [2] yavAnInAgarAnvitam ||169|| | | rUkShatarpaNasaMyuktaM [2] yavAnInAgarAnvitam ||169|| |
| | | |
| yAvagaudhUmikaM cAnnaM rUkShayUSheNa bhojayet | | | yAvagaudhUmikaM cAnnaM rUkShayUSheNa bhojayet | |
| + | |
| kulatthAnAM sushuShkANAM mUlakAnAM rasena vA ||170|| | | kulatthAnAM sushuShkANAM mUlakAnAM rasena vA ||170|| |
| | | |
| tanunA~alpena laghunA kaTvamlenAlpasarpiShA | | | tanunA~alpena laghunA kaTvamlenAlpasarpiShA | |
| + | |
| paTolayUShamamlaM vA yUShamAmalakasya vA ||171|| | | paTolayUShamamlaM vA yUShamAmalakasya vA ||171|| |
| | | |
| prabhUtakaTusaMyuktaM sayavAnnaM pradApayet | | | prabhUtakaTusaMyuktaM sayavAnnaM pradApayet | |
| + | |
| vyoShayUShamathAmlaM vA yUShaM vA sAmlavetasam ||172|| | | vyoShayUShamathAmlaM vA yUShaM vA sAmlavetasam ||172|| |
| | | |
| chAgamAMsarasaM rUkShamamlaM vA jA~ggalaM rasam | | | chAgamAMsarasaM rUkShamamlaM vA jA~ggalaM rasam | |
| + | |
| sthAlyAM vA~atha kapAle vA bhRuShTaM nirdravavartitam [3] ||173|| | | sthAlyAM vA~atha kapAle vA bhRuShTaM nirdravavartitam [3] ||173|| |
| | | |
| kaTvamlalavaNaM mAMsaM bhakShayan vRuNuyAnmadhu | | | kaTvamlalavaNaM mAMsaM bhakShayan vRuNuyAnmadhu | |
| + | |
| vyaktamArIcakaM mAMsaM mAtulu~ggarasAnvitam ||174|| | | vyaktamArIcakaM mAMsaM mAtulu~ggarasAnvitam ||174|| |
| | | |
| prabhUtakaTusaMyuktaM yavAnInAgarAnvitam | | | prabhUtakaTusaMyuktaM yavAnInAgarAnvitam | |
| + | |
| bhRuShTaM dADimasArAmlamuShNapUpopaveShTitam ||175|| | | bhRuShTaM dADimasArAmlamuShNapUpopaveShTitam ||175|| |
| | | |
| yathAgni bhakShayet kAle prabhUtArdrakapeshikam | | | yathAgni bhakShayet kAle prabhUtArdrakapeshikam | |
| + | |
| pibecca nigadaM madyaM kaphaprAye madAtyaye ||176|| | | pibecca nigadaM madyaM kaphaprAye madAtyaye ||176|| |
| | | |
| sauvarcalamajAjI ca vRukShAmlaM sAmlavetasam | | | sauvarcalamajAjI ca vRukShAmlaM sAmlavetasam | |
| + | |
| tvagelAmaricArdhAMshaM sharkarAbhAgayojitam ||177|| | | tvagelAmaricArdhAMshaM sharkarAbhAgayojitam ||177|| |
| | | |
| etallavaNamaShTA~ggamagnisandIpanaM param | | | etallavaNamaShTA~ggamagnisandIpanaM param | |
| + | |
| madAtyaye kaphaprAye dadyAt srotovishodhanam ||178|| | | madAtyaye kaphaprAye dadyAt srotovishodhanam ||178|| |
| | | |
| etadeva punaryuktyA madhurAmlairdravIkRutam | | | etadeva punaryuktyA madhurAmlairdravIkRutam | |
| + | |
| godhUmAnnayavAnnAnAM mAMsAnAM cAtirocanam ||179|| | | godhUmAnnayavAnnAnAM mAMsAnAM cAtirocanam ||179|| |
| | | |
| peShayet kaTukairyuktAM shvetAM bIjavivarjitAm | | | peShayet kaTukairyuktAM shvetAM bIjavivarjitAm | |
| + | |
| mRudvIkAM mAtulu~ggasya dADimasya rasena vA ||180|| | | mRudvIkAM mAtulu~ggasya dADimasya rasena vA ||180|| |
| | | |
| sauvarcalailAmaricairajAjIbhRu~ggadIpyakaiH | | | sauvarcalailAmaricairajAjIbhRu~ggadIpyakaiH | |
| + | |
| sa rAgaH kShaudrasaMyuktaH shreShTho rocanadIpanaH [4] ||181|| | | sa rAgaH kShaudrasaMyuktaH shreShTho rocanadIpanaH [4] ||181|| |
| | | |
| mRudvIkAyA vidhAnena kArayet kAravImapi | | | mRudvIkAyA vidhAnena kArayet kAravImapi | |
| + | |
| shuktamatsyaNDikopetaM rAgaM dIpanapAcanam ||182|| | | shuktamatsyaNDikopetaM rAgaM dIpanapAcanam ||182|| |
| | | |
| AmrAmalakapeshInAM rAgAn kuryAt pRuthak pRuthak | | | AmrAmalakapeshInAM rAgAn kuryAt pRuthak pRuthak | |
| + | |
| dhAnyasauvarcalAjAjIkAravImaricAnvitAn ||183|| | | dhAnyasauvarcalAjAjIkAravImaricAnvitAn ||183|| |
| | | |
| guDena [5] madhuyuktena vyaktAmlalavaNIkRutAn | | | guDena [5] madhuyuktena vyaktAmlalavaNIkRutAn | |
| + | |
| tairannaM rocate digdhaM samyagbhuktaM ca jIryati ||184|| | | tairannaM rocate digdhaM samyagbhuktaM ca jIryati ||184|| |
| | | |
| rUkShoShNenAnnapAnena [6] snAnenAshishireNa ca | | | rUkShoShNenAnnapAnena [6] snAnenAshishireNa ca | |
| + | |
| vyAyAmala~gghanAbhyAM ca yuktyA jAgaraNena ca ||185|| | | vyAyAmala~gghanAbhyAM ca yuktyA jAgaraNena ca ||185|| |
| | | |
| kAlayuktena rUkSheNa snAnenodvartanena ca | | | kAlayuktena rUkSheNa snAnenodvartanena ca | |
| + | |
| prANavarNakarANAM ca [7] pragharShANAM ca sevayA ||186|| | | prANavarNakarANAM ca [7] pragharShANAM ca sevayA ||186|| |
| | | |
| sevayA vasanAnAM ca gurUNAmagurorapi | | | sevayA vasanAnAM ca gurUNAmagurorapi | |
| + | |
| sa~gkocoShNasukhA~ggInAma~gganAnAM ca sevayA ||187|| | | sa~gkocoShNasukhA~ggInAma~gganAnAM ca sevayA ||187|| |
| | | |
| sukhashikShitahastAnAM strINAM saMvAhanena ca | | | sukhashikShitahastAnAM strINAM saMvAhanena ca | |
| + | |
| madAtyayaH kaphaprAyaH shIghramevopashAmyati ||188|| | | madAtyayaH kaphaprAyaH shIghramevopashAmyati ||188|| |
| | | |