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| त्रयो विकाराः प्रायेण ये परस्परहेतवः| | | त्रयो विकाराः प्रायेण ये परस्परहेतवः| |
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| अर्शांसि चातिसारश्च ग्रहणीदोष एव च||२४४|| | | अर्शांसि चातिसारश्च ग्रहणीदोष एव च||२४४|| |
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| एषामग्निबले हीने वृद्धिर्वृद्धे परिक्षयः| | | एषामग्निबले हीने वृद्धिर्वृद्धे परिक्षयः| |
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| तस्मादग्निबलं रक्ष्यमेषु त्रिषु विशेषतः||२४५|| | | तस्मादग्निबलं रक्ष्यमेषु त्रिषु विशेषतः||२४५|| |
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| trayo vikārāḥ prāyeṇa ye parasparahetavaḥ| | | trayo vikārāḥ prāyeṇa ye parasparahetavaḥ| |
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| arśāṃsi cātisāraśca grahaṇīdoṣa eva ca||244|| | | arśāṃsi cātisāraśca grahaṇīdoṣa eva ca||244|| |
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| eṣāmagnibale hīne vṛddhirvṛddhe parikṣayaḥ| | | eṣāmagnibale hīne vṛddhirvṛddhe parikṣayaḥ| |
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| tasmādagnibalaṃ rakṣyameṣu triṣu viśeṣataḥ||245|| | | tasmādagnibalaṃ rakṣyameṣu triṣu viśeṣataḥ||245|| |
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| trayo vikArAH prAyeNa ye parasparahetavaH| | | trayo vikArAH prAyeNa ye parasparahetavaH| |
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| arshAMsi cAtisArashca grahaNIdoSha eva ca||244|| | | arshAMsi cAtisArashca grahaNIdoSha eva ca||244|| |
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| eShAmagnibale hIne vRuddhirvRuddhe parikShayaH| | | eShAmagnibale hIne vRuddhirvRuddhe parikShayaH| |
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| tasmAdagnibalaM rakShyameShu triShu visheShataH||245|| | | tasmAdagnibalaM rakShyameShu triShu visheShataH||245|| |
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