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− | अथाध्यापनविधिः-अध्यापनेकृतबुद्धिराचार्यःशिष्यमेवादितः | + | अथाध्यापनविधिः- |
− | परीक्षेत;तद्यथा-प्रशान्तमार्यप्रकृतिकमक्षुद्रकर्माणमृजुचक्षुर्मुखनासावंशं | + | |
| + | अध्यापनेकृतबुद्धिराचार्यः शिष्यमेवादितः परीक्षेत; तद्यथा- |
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| + | प्रशान्तमार्यप्रकृतिकमक्षुद्रकर्माणमृजुचक्षुर्मुखनासावंशं |
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| तनुरक्तविशदजिह्वमविकृतदन्तौष्ठममिन्मिनं | | तनुरक्तविशदजिह्वमविकृतदन्तौष्ठममिन्मिनं |
− | धृतिमन्तमनहङ्कृतंमेधाविनंवितर्कस्मृतिसम्पन्नमुदारसत्त्वं
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− | तद्विद्यकुलजमथवातद्विद्यवृत्तंतत्त्वाभिनिवेशिनमव्यङ्गमव्यापन्नेन्द्रियं
| + | धृतिमन्तमनहङ्कृतं मेधाविनं वितर्कस्मृतिसम्पन्नमुदारसत्त्वं |
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| + | तद्विद्यकुलजमथवा तद्विद्यवृत्तंतत्त्वाभिनिवेशिनमव्यङ्गमव्यापन्नेन्द्रियं |
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| निभृतमनुद्धतमर्थतत्त्वभावकमकोपनमव्यसनिनं | | निभृतमनुद्धतमर्थतत्त्वभावकमकोपनमव्यसनिनं |
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| शीलशौचाचारानुरागदाक्ष्यप्रादक्षिण्योपपन्नमध्ययनाभिकाममर्थविज्ञाने | | शीलशौचाचारानुरागदाक्ष्यप्रादक्षिण्योपपन्नमध्ययनाभिकाममर्थविज्ञाने |
− | कर्मदर्शनेचानन्यकार्यमलुब्धमनलसंसर्वभूतहितैषिणमाचार्यसर्वानुशिष्टिप्रतिकरमनुरक्तंच,एवङ्गुणसमुदितमध्याप्यमाहुः||८||
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| + | कर्मदर्शनेचानन्यकार्यमलुब्धमनलसं सर्वभूतहितैषिणमाचार्यसर्वानुशिष्टिप्रतिकरमनुरक्तं च, |
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| + | एवङ्गुणसमुदितमध्याप्यमाहुः||८|| |
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