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| स्वोष्मणा पावकस्थाने बलमग्नेः प्रयच्छति| | | स्वोष्मणा पावकस्थाने बलमग्नेः प्रयच्छति| |
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| तदा लब्धबलो देहे विरूक्षे सानिलोऽनलः||२१८|| | | तदा लब्धबलो देहे विरूक्षे सानिलोऽनलः||२१८|| |
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| परिभूय पचत्यन्नं तैक्ष्ण्यादाशु मुहुर्मुहुः| | | परिभूय पचत्यन्नं तैक्ष्ण्यादाशु मुहुर्मुहुः| |
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| पक्त्वाऽन्नं स ततो धातूञ्छोणितादीन् पचत्यपि||२१९|| | | पक्त्वाऽन्नं स ततो धातूञ्छोणितादीन् पचत्यपि||२१९|| |
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| svōṣmaṇā pāvakasthānē balāmagnēḥ prayacchati| | | svōṣmaṇā pāvakasthānē balāmagnēḥ prayacchati| |
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| tadā labdhabalō dēhē virūkṣē sānilō'nalaḥ||218|| | | tadā labdhabalō dēhē virūkṣē sānilō'nalaḥ||218|| |
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| paribhūya pacatyannaṁ taikṣṇyādāśu muhurmuhuḥ| | | paribhūya pacatyannaṁ taikṣṇyādāśu muhurmuhuḥ| |
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| paktvā'nnaṁ sa tatō dhātūñchōṇitādīn pacatyapi||219|| | | paktvā'nnaṁ sa tatō dhātūñchōṇitādīn pacatyapi||219|| |
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| svoShmaNA pAvakasthAne balamagneH prayacchati| | | svoShmaNA pAvakasthAne balamagneH prayacchati| |
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| tadA labdhabalo dehe virUkShe sAnilo~analaH||218|| | | tadA labdhabalo dehe virUkShe sAnilo~analaH||218|| |
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| paribhUya pacatyannaM taikShNyAdAshu muhurmuhuH| | | paribhUya pacatyannaM taikShNyAdAshu muhurmuhuH| |
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| paktvA~annaM sa tato dhAtU~jchoNitAdIn pacatyapi||219|| | | paktvA~annaM sa tato dhAtU~jchoNitAdIn pacatyapi||219|| |
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| ततो दौर्बल्यमातङ्कान्मृत्युं चोपनयेन्नरम्| | | ततो दौर्बल्यमातङ्कान्मृत्युं चोपनयेन्नरम्| |
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| भुक्तेऽन्ने लभते शान्तिं जीर्णमात्रे प्रताम्यति||२२०|| | | भुक्तेऽन्ने लभते शान्तिं जीर्णमात्रे प्रताम्यति||२२०|| |
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| तृट्श्वासदाहमूर्च्छाद्या व्याधयोऽत्यग्निसम्भवाः| | | तृट्श्वासदाहमूर्च्छाद्या व्याधयोऽत्यग्निसम्भवाः| |
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| तमत्यग्निं गुरुस्निग्धशीतैर्मधुरविज्जलैः||२२१|| | | तमत्यग्निं गुरुस्निग्धशीतैर्मधुरविज्जलैः||२२१|| |
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| अन्नपानैर्नयेच्छान्तिं दीप्तमग्निमिवाम्बुभिः| | | अन्नपानैर्नयेच्छान्तिं दीप्तमग्निमिवाम्बुभिः| |
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| मुहुर्मुहुरजीर्णेऽपि भोज्यान्यस्योपहारयेत्||२२२|| | | मुहुर्मुहुरजीर्णेऽपि भोज्यान्यस्योपहारयेत्||२२२|| |
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| tatō daurbalyamātaṅkānmr̥tyuṁ cōpanayēnnaram| | | tatō daurbalyamātaṅkānmr̥tyuṁ cōpanayēnnaram| |
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| bhuktē'nnē labhatē śāntiṁ jīrṇamātrē pratāmyati||220|| | | bhuktē'nnē labhatē śāntiṁ jīrṇamātrē pratāmyati||220|| |
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| tr̥ṭśvāsadāhamūrcchādyā vyādhayō'tyAgnisambhavāḥ| | | tr̥ṭśvāsadāhamūrcchādyā vyādhayō'tyAgnisambhavāḥ| |
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| tāmatyāgniṁ gurusnigdhaśītairmadhuravijjalaiḥ||221|| | | tāmatyāgniṁ gurusnigdhaśītairmadhuravijjalaiḥ||221|| |
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| annapānairnayēcchāntiṁ dīptāmAgnimivāmbubhiḥ| | | annapānairnayēcchāntiṁ dīptāmAgnimivāmbubhiḥ| |
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| muhurmuhurajīrṇē'pi bhōjyānyasyōpahārayēt||222|| | | muhurmuhurajīrṇē'pi bhōjyānyasyōpahārayēt||222|| |
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| tato daurbalyamAta~gkAnmRutyuM copanayennaram| | | tato daurbalyamAta~gkAnmRutyuM copanayennaram| |
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| bhukte~anne labhate shAntiM jIrNamAtre pratAmyati||220|| | | bhukte~anne labhate shAntiM jIrNamAtre pratAmyati||220|| |
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| tRuTshvAsadAhamUrcchAdyA vyAdhayo~atyagnisambhavAH| | | tRuTshvAsadAhamUrcchAdyA vyAdhayo~atyagnisambhavAH| |
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| tamatyagniM gurusnigdhashItairmadhuravijjalaiH||221|| | | tamatyagniM gurusnigdhashItairmadhuravijjalaiH||221|| |
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| annapAnairnayecchAntiM dIptamagnimivAmbubhiH| | | annapAnairnayecchAntiM dIptamagnimivAmbubhiH| |
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| muhurmuhurajIrNe~api bhojyAnyasyopahArayet||222|| | | muhurmuhurajIrNe~api bhojyAnyasyopahArayet||222|| |
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