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| भल्लातकं त्रिकटुकं त्रिफलां लवणत्रयम्| | | भल्लातकं त्रिकटुकं त्रिफलां लवणत्रयम्| |
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| अन्तर्धूमं द्विपलिकं गोपुरीषाग्निना दहेत्||१७७|| | | अन्तर्धूमं द्विपलिकं गोपुरीषाग्निना दहेत्||१७७|| |
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| स क्षारः सर्पिषा पीतो भोज्ये वाऽप्यवचूर्णितः| | | स क्षारः सर्पिषा पीतो भोज्ये वाऽप्यवचूर्णितः| |
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| हृत्पाण्डुग्रहणीदोषगुल्मोदावर्तशूलनुत्||१७८|| | | हृत्पाण्डुग्रहणीदोषगुल्मोदावर्तशूलनुत्||१७८|| |
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| bhallātakaṁ trikaṭukaṁ triphalāṁ lavaṇatrayam| | | bhallātakaṁ trikaṭukaṁ triphalāṁ lavaṇatrayam| |
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| antardhūmaṁ dvipalikaṁ gōpurīṣāgninā dahēt||177|| | | antardhūmaṁ dvipalikaṁ gōpurīṣāgninā dahēt||177|| |
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− | sa kṣāraḥ sarpiṣā pītō bhōjyē vā'pyavacūrṇitaḥ| | + | sa kṣāraḥ sarpiṣā pītō bhōjyē vā'pyavacūrṇitaḥ| |
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| hr̥tpāṇḍuGrahaṇī dōṣagulmōdāvartaśūlanut||178|| | | hr̥tpāṇḍuGrahaṇī dōṣagulmōdāvartaśūlanut||178|| |
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| bhallAtakaM trikaTukaM triphalAM lavaNatrayam| | | bhallAtakaM trikaTukaM triphalAM lavaNatrayam| |
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| antardhUmaM dvipalikaM gopurIShAgninA dahet||177|| | | antardhUmaM dvipalikaM gopurIShAgninA dahet||177|| |
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| sa kShAraH sarpiShA pIto bhojye vA~apyavacUrNitaH| | | sa kShAraH sarpiShA pIto bhojye vA~apyavacUrNitaH| |
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| hRutpANDugrahaNIdoShagulmodAvartashUlanut||178|| | | hRutpANDugrahaNIdoShagulmodAvartashUlanut||178|| |
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| दुरालभां करञ्जौ द्वौ सप्तपर्णं सवत्सकम्| | | दुरालभां करञ्जौ द्वौ सप्तपर्णं सवत्सकम्| |
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| षड्ग्रन्थां मदनं मूर्वां पाठामारग्वधं तथा||१७९|| | | षड्ग्रन्थां मदनं मूर्वां पाठामारग्वधं तथा||१७९|| |
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| गोमूत्रेण समांशानि कृत्वा चूर्णानि दाहयेत्| | | गोमूत्रेण समांशानि कृत्वा चूर्णानि दाहयेत्| |
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| दग्ध्वा च तं पिबेत् क्षारं ग्रहणीबलवर्धनम्||१८०|| | | दग्ध्वा च तं पिबेत् क्षारं ग्रहणीबलवर्धनम्||१८०|| |
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| durālabhāṁ karañjau dvau saptaparṇaṁ savatsakam| | | durālabhāṁ karañjau dvau saptaparṇaṁ savatsakam| |
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| ṣaḍgranthāṁ madanaṁ mūrvāṁ pāṭhāmāragvadhaṁ tathā||179|| | | ṣaḍgranthāṁ madanaṁ mūrvāṁ pāṭhāmāragvadhaṁ tathā||179|| |
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| gōmūtrēṇa samāṁśāni kr̥tvā cūrṇāni dāhayēt| | | gōmūtrēṇa samāṁśāni kr̥tvā cūrṇāni dāhayēt| |
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| dagdhvā ca taṁ pibēt kṣāraṁ Grahaṇī balavardhanam||180|| | | dagdhvā ca taṁ pibēt kṣāraṁ Grahaṇī balavardhanam||180|| |
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| durAlabhAM kara~jjau dvau saptaparNaM savatsakam| | | durAlabhAM kara~jjau dvau saptaparNaM savatsakam| |
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| ShaDgranthAM madanaM mUrvAM pAThAmAragvadhaM tathA||179|| | | ShaDgranthAM madanaM mUrvAM pAThAmAragvadhaM tathA||179|| |
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| gomUtreNa samAMshAni kRutvA cUrNAni dAhayet| | | gomUtreNa samAMshAni kRutvA cUrNAni dAhayet| |
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| dagdhvA ca taM pibet kShAraM grahaNIbalavardhanam||180|| | | dagdhvA ca taM pibet kShAraM grahaNIbalavardhanam||180|| |
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| भूनिम्बं रोहिणीं तिक्तां पटोलं निम्बपर्पटम्| | | भूनिम्बं रोहिणीं तिक्तां पटोलं निम्बपर्पटम्| |
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| दहेन्माहिषमूत्रेण क्षार एषोऽग्निवर्धनः||१८१|| | | दहेन्माहिषमूत्रेण क्षार एषोऽग्निवर्धनः||१८१|| |
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| bhūnimbaṁ rōhiṇīṁ tiktāṁ paṭōlaṁ nimbaparpaṭam| | | bhūnimbaṁ rōhiṇīṁ tiktāṁ paṭōlaṁ nimbaparpaṭam| |
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| dahēnmāhiṣamūtrēṇa kṣāra ēṣō'gnivardhanaḥ||181|| | | dahēnmāhiṣamūtrēṇa kṣāra ēṣō'gnivardhanaḥ||181|| |
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− | bhUnimbaM rohiNIM tiktAM paTolaM nimbaparpaTam| | + | bhUnimbaM rohiNIM tiktAM paTolaM nimbaparpaTam| |
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| dahenmAhiShamUtreNa kShAra eSho~agnivardhanaH||181|| | | dahenmAhiShamUtreNa kShAra eSho~agnivardhanaH||181|| |
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| द्वे हरिद्रे वचा कुष्ठं चित्रकः कटुरोहिणी| | | द्वे हरिद्रे वचा कुष्ठं चित्रकः कटुरोहिणी| |
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| मुस्तं च बस्तमूत्रेण दहेत् क्षारोऽग्निवर्धनः||१८२|| | | मुस्तं च बस्तमूत्रेण दहेत् क्षारोऽग्निवर्धनः||१८२|| |
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| dvē haridrē vacā kuṣṭhaṁ citrakaḥ kaṭurōhiṇī| | | dvē haridrē vacā kuṣṭhaṁ citrakaḥ kaṭurōhiṇī| |
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| mustaṁ ca bastamūtrēṇa dahēt kṣārō'gnivardhanaḥ||182|| | | mustaṁ ca bastamūtrēṇa dahēt kṣārō'gnivardhanaḥ||182|| |
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| dve haridre vacA kuShThaM citrakaH kaTurohiNI| | | dve haridre vacA kuShThaM citrakaH kaTurohiNI| |
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| mustaM ca bastamUtreNa dahet kShAro~agnivardhanaH||182|| | | mustaM ca bastamUtreNa dahet kShAro~agnivardhanaH||182|| |
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