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| विदाहलक्षणे गुल्मे बहिस्तुङ्गे समुन्नते| | | विदाहलक्षणे गुल्मे बहिस्तुङ्गे समुन्नते| |
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| श्यावे सरक्तपर्यन्ते संस्पर्शे बस्तिसन्निभे||४२|| | | श्यावे सरक्तपर्यन्ते संस्पर्शे बस्तिसन्निभे||४२|| |
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| निपीडितोन्नते स्तब्धे सुप्ते [४] तत्पार्श्वपीडनात्| | | निपीडितोन्नते स्तब्धे सुप्ते [४] तत्पार्श्वपीडनात्| |
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| तत्रैव पिण्डिते शूले सम्पक्वं गुल्ममादिशेत्||४३|| | | तत्रैव पिण्डिते शूले सम्पक्वं गुल्ममादिशेत्||४३|| |
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| vidāhalakṣaṇē gulmē bahistuṅgē samunnatē| | | vidāhalakṣaṇē gulmē bahistuṅgē samunnatē| |
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| śyāvē saraktaparyantē saṁsparśē bastisannibhē||42|| | | śyāvē saraktaparyantē saṁsparśē bastisannibhē||42|| |
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| nipīḍitōnnatē stabdhē suptē [4] tatpārśvapīḍanāt| | | nipīḍitōnnatē stabdhē suptē [4] tatpārśvapīḍanāt| |
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| tatraiva piṇḍitē śūlē sampakvaṁ gulmamādiśēt||43|| | | tatraiva piṇḍitē śūlē sampakvaṁ gulmamādiśēt||43|| |
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| vidAhalakShaNe gulme bahistu~gge samunnate| | | vidAhalakShaNe gulme bahistu~gge samunnate| |
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| shyAve saraktaparyante saMsparshe bastisannibhe||42|| | | shyAve saraktaparyante saMsparshe bastisannibhe||42|| |
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| nipIDitonnate stabdhe supte [4] tatpArshvapIDanAt| | | nipIDitonnate stabdhe supte [4] tatpArshvapIDanAt| |
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| tatraiva piNDite shUle sampakvaM gulmamAdishet||43|| | | tatraiva piNDite shUle sampakvaM gulmamAdishet||43|| |
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| तत्र धान्वन्तरीयाणामधिकारः क्रियाविधौ| | | तत्र धान्वन्तरीयाणामधिकारः क्रियाविधौ| |
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| वैद्यानां कृतयोग्यानां व्यधशोधनरोपणे||४४|| | | वैद्यानां कृतयोग्यानां व्यधशोधनरोपणे||४४|| |
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| tatra dhānvantarīyāṇāmadhikāraḥ kriyāvidhau| | | tatra dhānvantarīyāṇāmadhikāraḥ kriyāvidhau| |
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| vaidyānāṁ kr̥tayōgyānāṁ vyadhaśōdhanarōpaṇē||44|| | | vaidyānāṁ kr̥tayōgyānāṁ vyadhaśōdhanarōpaṇē||44|| |
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| tatra dhAnvantarIyANAmadhikAraH kriyAvidhau| | | tatra dhAnvantarIyANAmadhikAraH kriyAvidhau| |
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| vaidyAnAM kRutayogyAnAM vyadhashodhanaropaNe||44|| | | vaidyAnAM kRutayogyAnAM vyadhashodhanaropaNe||44|| |
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| अन्तर्भागस्य चाप्येतत् पच्यमानस्य लक्षणम्| | | अन्तर्भागस्य चाप्येतत् पच्यमानस्य लक्षणम्| |
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| हृत्क्रोडशूनताऽन्तःस्थे [५] बहिःस्थे पार्श्वनिर्गतिः||४५|| | | हृत्क्रोडशूनताऽन्तःस्थे [५] बहिःस्थे पार्श्वनिर्गतिः||४५|| |
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| antarbhāgasya cāpyētat pacyamānasya lakṣaṇam| | | antarbhāgasya cāpyētat pacyamānasya lakṣaṇam| |
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| hr̥tkrōḍaśūnatā'ntaḥsthē [5] bahiḥsthē pārśvanirgatiḥ||45|| | | hr̥tkrōḍaśūnatā'ntaḥsthē [5] bahiḥsthē pārśvanirgatiḥ||45|| |
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| antarbhAgasya cApyetat pacyamAnasya lakShaNam| | | antarbhAgasya cApyetat pacyamAnasya lakShaNam| |
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| hRutkroDashUnatA~antaHsthe [5] bahiHsthe pArshvanirgatiH||45|| | | hRutkroDashUnatA~antaHsthe [5] bahiHsthe pArshvanirgatiH||45|| |
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