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| हेतुर्योगोपदेशस्य योगा द्वादश चोत्तमाः| | | हेतुर्योगोपदेशस्य योगा द्वादश चोत्तमाः| |
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| यत् पूर्वं मैथुनात् सेव्यं सेव्यं यन्मैथुनादनु||५२|| | | यत् पूर्वं मैथुनात् सेव्यं सेव्यं यन्मैथुनादनु||५२|| |
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| यदा न सेव्याः प्रमदाः कृत्स्नः शुक्रविनिश्चयः| | | यदा न सेव्याः प्रमदाः कृत्स्नः शुक्रविनिश्चयः| |
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| निरुक्तं चेह निर्दिष्टं पुमाञ्जातबलादिके||५३|| | | निरुक्तं चेह निर्दिष्टं पुमाञ्जातबलादिके||५३|| |
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| hēturyōgōpadēśasya yōgā dvādaśa cōttamāḥ| | | hēturyōgōpadēśasya yōgā dvādaśa cōttamāḥ| |
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| yat pūrvaṁ maithunāt sēvyaṁ sēvyaṁ yanmaithunādanu||52|| | | yat pūrvaṁ maithunāt sēvyaṁ sēvyaṁ yanmaithunādanu||52|| |
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| yadā na sēvyāḥ pramadāḥ kr̥tsnaḥ śukraviniścayaḥ| | | yadā na sēvyāḥ pramadāḥ kr̥tsnaḥ śukraviniścayaḥ| |
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| niruktaṁ cēha nirdiṣṭaṁ pumāñjātabalādikē||53|| | | niruktaṁ cēha nirdiṣṭaṁ pumāñjātabalādikē||53|| |
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| heturyogopadeshasya yogA dvAdasha cottamAH| | | heturyogopadeshasya yogA dvAdasha cottamAH| |
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| yat pUrvaM maithunAt sevyaM sevyaM yanmaithunAdanu||52|| | | yat pUrvaM maithunAt sevyaM sevyaM yanmaithunAdanu||52|| |
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| yadA na sevyAH pramadAH kRutsnaH shukravinishcayaH| | | yadA na sevyAH pramadAH kRutsnaH shukravinishcayaH| |
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| niruktaM ceha nirdiShTaM pumA~jjAtabalAdike||53|| | | niruktaM ceha nirdiShTaM pumA~jjAtabalAdike||53|| |
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