Line 1,863: |
Line 1,863: |
| | | |
| भव्यखर्जूरमृद्वीकापरूषकरसैर्युतम् [१] | | | भव्यखर्जूरमृद्वीकापरूषकरसैर्युतम् [१] | |
| + | |
| सदाडिमरसं शीतं सक्तुभिश्चावचूर्णितम् ||१३६|| | | सदाडिमरसं शीतं सक्तुभिश्चावचूर्णितम् ||१३६|| |
| | | |
| सशर्करं शार्करं वा मार्द्वीकमथवाऽपरम् | | | सशर्करं शार्करं वा मार्द्वीकमथवाऽपरम् | |
| + | |
| दद्याद्बहूदकं काले पातुं पित्तमदात्यये ||१३७|| | | दद्याद्बहूदकं काले पातुं पित्तमदात्यये ||१३७|| |
| | | |
| शशान् कपिञ्जलानेणाँल्लावानसितपुच्छकान् | | | शशान् कपिञ्जलानेणाँल्लावानसितपुच्छकान् | |
| + | |
| मधुराम्लान् प्रयुञ्जीत भोजने शालिषष्टिकान् ||१३८|| | | मधुराम्लान् प्रयुञ्जीत भोजने शालिषष्टिकान् ||१३८|| |
| | | |
| पटोलयूषमिश्रं वा छागलं कल्पयेद्रसम् | | | पटोलयूषमिश्रं वा छागलं कल्पयेद्रसम् | |
| + | |
| सतीनमुद्गमिश्रं वा दाडिमामलकान्वितम् ||१३९|| | | सतीनमुद्गमिश्रं वा दाडिमामलकान्वितम् ||१३९|| |
| | | |
| द्राक्षामलकखर्जूरपरूषकरसेन वा | | | द्राक्षामलकखर्जूरपरूषकरसेन वा | |
| + | |
| कल्पयेत्तर्पणान् यूषान् रसांश्च विविधात्मकान् ||१४०|| | | कल्पयेत्तर्पणान् यूषान् रसांश्च विविधात्मकान् ||१४०|| |
| | | |
| आमाशयस्थमुत्क्लिष्टं कफपित्तं मदात्यये | | | आमाशयस्थमुत्क्लिष्टं कफपित्तं मदात्यये | |
| + | |
| विज्ञाय बहुदोषस्य दह्यमानस्य [२] तृष्यतः ||१४१|| | | विज्ञाय बहुदोषस्य दह्यमानस्य [२] तृष्यतः ||१४१|| |
| | | |
| मद्यं द्राक्षारसं तोयं दत्त्वा तर्पणमेव वा | | | मद्यं द्राक्षारसं तोयं दत्त्वा तर्पणमेव वा | |
| + | |
| निःशेषं वामयेच्छीघ्रमेवं रोगाद्विमुच्यते ||१४२|| | | निःशेषं वामयेच्छीघ्रमेवं रोगाद्विमुच्यते ||१४२|| |
| | | |
| काले पुनस्तर्पणाद्यं क्रमं कुर्यात् प्रकाङ्क्षिते | | | काले पुनस्तर्पणाद्यं क्रमं कुर्यात् प्रकाङ्क्षिते | |
| + | |
| तेनाग्निर्दीप्यते तस्य दोषशेषान्नपाचकः ||१४३|| | | तेनाग्निर्दीप्यते तस्य दोषशेषान्नपाचकः ||१४३|| |
| | | |
| कासे सरक्तनिष्ठीवे पार्श्वस्तनरुजासु च | | | कासे सरक्तनिष्ठीवे पार्श्वस्तनरुजासु च | |
| + | |
| तृष्यते सविदाहे च सोत्क्लेशे हृदयोरसि ||१४४|| | | तृष्यते सविदाहे च सोत्क्लेशे हृदयोरसि ||१४४|| |
| | | |
| गुडूचीभद्रमुस्तानां पटोलस्याथवा भिषक् | | | गुडूचीभद्रमुस्तानां पटोलस्याथवा भिषक् | |
| + | |
| रसं सनागरं दद्यात् तित्तिरिप्रतिभोजनम् [३] ||१४५|| | | रसं सनागरं दद्यात् तित्तिरिप्रतिभोजनम् [३] ||१४५|| |
| | | |
| तृष्यते चातिबलवद्वातपित्ते समुद्धते | | | तृष्यते चातिबलवद्वातपित्ते समुद्धते | |
| + | |
| दद्याद्द्राक्षारसं पातुं शीतं दोषानुलोमनम् ||१४६|| | | दद्याद्द्राक्षारसं पातुं शीतं दोषानुलोमनम् ||१४६|| |
| | | |
| जीर्णे समधुराम्लेन छागमांसरसेन तम् | | | जीर्णे समधुराम्लेन छागमांसरसेन तम् | |
| + | |
| भोजनं भोजयेन्मद्यमनुतर्षं च पाययेत् ||१४७|| | | भोजनं भोजयेन्मद्यमनुतर्षं च पाययेत् ||१४७|| |
| | | |
| अनुतर्षस्य मात्रा सा यया नो दूष्यते [४] मनः | | | अनुतर्षस्य मात्रा सा यया नो दूष्यते [४] मनः | |
| + | |
| तृष्यते मद्यमल्पाल्पं प्रदेयं स्याद्बहूदकम् ||१४८|| | | तृष्यते मद्यमल्पाल्पं प्रदेयं स्याद्बहूदकम् ||१४८|| |
| | | |
| तृष्णा येनोपशाम्येत मदं येन च नाप्नुयात् | | | तृष्णा येनोपशाम्येत मदं येन च नाप्नुयात् | |
| + | |
| परूषकाणां पीलूनां रसं शीतमथापि [५] वा ||१४९|| | | परूषकाणां पीलूनां रसं शीतमथापि [५] वा ||१४९|| |
| | | |
| पर्णिनीनां चतसॄणां पिबेद्वा शिशिरं जलम् | | | पर्णिनीनां चतसॄणां पिबेद्वा शिशिरं जलम् | |
| + | |
| मुस्तदाडिमलाजानां [६] तृष्णाघ्नं वा पिबेद्रसम् ||१५०|| | | मुस्तदाडिमलाजानां [६] तृष्णाघ्नं वा पिबेद्रसम् ||१५०|| |
| | | |
| कोलदाडिमवृक्षाम्लचुक्रीकाचुक्रिकारसः | | | कोलदाडिमवृक्षाम्लचुक्रीकाचुक्रिकारसः | |
| + | |
| पञ्चाम्लको मुखालेपः सद्यस्तृष्णां नियच्छति ||१५१|| | | पञ्चाम्लको मुखालेपः सद्यस्तृष्णां नियच्छति ||१५१|| |
| | | |
| शीतलान्यन्नपानानि शीतशय्यासनानि [७] च | | | शीतलान्यन्नपानानि शीतशय्यासनानि [७] च | |
| + | |
| शीतवातजलस्पर्शाः शीतान्युपवनानि च ||१५२|| | | शीतवातजलस्पर्शाः शीतान्युपवनानि च ||१५२|| |
| | | |
| क्षौमपद्मोत्पलानां च मणीनां मौक्तिकस्य च | | | क्षौमपद्मोत्पलानां च मणीनां मौक्तिकस्य च | |
| + | |
| चन्दनोदकशीतानां स्पर्शाश्चन्द्रांशुशीतलाः ||१५३|| | | चन्दनोदकशीतानां स्पर्शाश्चन्द्रांशुशीतलाः ||१५३|| |
| | | |
| हेमराजतकांस्यानां पात्राणां शीतवारिभिः | | | हेमराजतकांस्यानां पात्राणां शीतवारिभिः | |
| + | |
| पूर्णानां हिमपूर्णानां दृतीनां पवनाहताः ||१५४|| | | पूर्णानां हिमपूर्णानां दृतीनां पवनाहताः ||१५४|| |
| | | |
| संस्पर्शाश्चन्दनार्द्राणां नारीणां च समारुताः | | | संस्पर्शाश्चन्दनार्द्राणां नारीणां च समारुताः | |
| + | |
| चन्दनानां च मुख्यानां शस्ताः पित्तमदात्यये [८] ||१५५|| | | चन्दनानां च मुख्यानां शस्ताः पित्तमदात्यये [८] ||१५५|| |
| | | |
| शीतवीर्यं यदन्यच्च तत् सर्वं विनियोजयेत् | | | शीतवीर्यं यदन्यच्च तत् सर्वं विनियोजयेत् | |
| + | |
| कुमुदोत्पलपत्राणां सिक्तानां चन्दनाम्बुना ||१५६|| | | कुमुदोत्पलपत्राणां सिक्तानां चन्दनाम्बुना ||१५६|| |
| | | |
| हिताः स्पर्शा मनोज्ञानां दाहे मद्यसमुत्थिते | | | हिताः स्पर्शा मनोज्ञानां दाहे मद्यसमुत्थिते | |
| + | |
| कथाश्च विविधाः शस्ताः [९] शब्दाश्च शिखिनां शिवाः ||१५७|| | | कथाश्च विविधाः शस्ताः [९] शब्दाश्च शिखिनां शिवाः ||१५७|| |
| | | |
| तोयदानां च शब्दा हि शमयन्ति मदात्ययम् | | | तोयदानां च शब्दा हि शमयन्ति मदात्ययम् | |
| + | |
| जलयन्त्राभिवर्षीणि वातयन्त्रवहानि च ||१५८|| | | जलयन्त्राभिवर्षीणि वातयन्त्रवहानि च ||१५८|| |
| | | |
| कल्पनीयानि भिषजा दाहे धारागृहाणि च | | | कल्पनीयानि भिषजा दाहे धारागृहाणि च | |
| + | |
| फलिनीसेव्यलोध्राम्बुहेमपत्रं कुटन्नटम् ||१५९|| | | फलिनीसेव्यलोध्राम्बुहेमपत्रं कुटन्नटम् ||१५९|| |
| | | |
| कालीयकरसोपेतं दाहे शस्तं प्रलेपनम् | | | कालीयकरसोपेतं दाहे शस्तं प्रलेपनम् | |
| + | |
| बदरीपल्लवोत्थश्च तथैवारिष्टकोद्भवः ||१६०|| | | बदरीपल्लवोत्थश्च तथैवारिष्टकोद्भवः ||१६०|| |
| | | |
| फेनिलायाश्च यः फेनस्तैर्दाहे लेपनं शुभम् | | | फेनिलायाश्च यः फेनस्तैर्दाहे लेपनं शुभम् | |
| + | |
| सुरा समण्डा दध्यम्लं मातुलुङ्गरसो मधु ||१६१|| | | सुरा समण्डा दध्यम्लं मातुलुङ्गरसो मधु ||१६१|| |
| | | |
| सेके प्रदेहे शस्यन्ते दाहघ्नाः साम्लकाञ्जिकाः | | | सेके प्रदेहे शस्यन्ते दाहघ्नाः साम्लकाञ्जिकाः | |
| + | |
| परिषेकावगाहेषु व्यञ्जनानां च सेवने ||१६२|| | | परिषेकावगाहेषु व्यञ्जनानां च सेवने ||१६२|| |
| | | |
| शस्यते शिशिरं तोयं दाहतृष्णाप्रशान्तये | | | शस्यते शिशिरं तोयं दाहतृष्णाप्रशान्तये | |
| + | |
| मात्राकालप्रयुक्तेन कर्मणाऽनेन शाम्यति [१०] ||१६३|| | | मात्राकालप्रयुक्तेन कर्मणाऽनेन शाम्यति [१०] ||१६३|| |
| | | |
Line 1,949: |
Line 1,977: |
| | | |
| bhavyakharjūramr̥dvīkāparūṣakarasairyutam [1] | | | bhavyakharjūramr̥dvīkāparūṣakarasairyutam [1] | |
| + | |
| sadāḍimarasaṁ śītaṁ saktubhiścāvacūrṇitam||136|| | | sadāḍimarasaṁ śītaṁ saktubhiścāvacūrṇitam||136|| |
| | | |
| saśarkaraṁ śārkaraṁ vā mārdvīkamathavā'param| | | saśarkaraṁ śārkaraṁ vā mārdvīkamathavā'param| |
| + | |
| dadyādbahūdakaṁ kālē pātuṁ pittamadātyayē||137|| | | dadyādbahūdakaṁ kālē pātuṁ pittamadātyayē||137|| |
| | | |
| śaśān kapiñjalānēṇāmँllāvānasitapucchakān| | | śaśān kapiñjalānēṇāmँllāvānasitapucchakān| |
| + | |
| madhurāmlān prayuñjīta bhōjanē śāliṣaṣṭikān||138|| | | madhurāmlān prayuñjīta bhōjanē śāliṣaṣṭikān||138|| |
| | | |
| paṭōlayūṣamiśraṁ vā chāgalaṁ kalpayēdrasam| | | paṭōlayūṣamiśraṁ vā chāgalaṁ kalpayēdrasam| |
| + | |
| satīnamudgamiśraṁ vā dāḍimāmalakānvitam||139|| | | satīnamudgamiśraṁ vā dāḍimāmalakānvitam||139|| |
| | | |
| drākṣāmalakakharjūraparūṣakarasēna vā| | | drākṣāmalakakharjūraparūṣakarasēna vā| |
| + | |
| kalpayēttarpaṇān yūṣān rasāṁśca vividhātmakān||140|| | | kalpayēttarpaṇān yūṣān rasāṁśca vividhātmakān||140|| |
| | | |
| āmāśayasthamutkliṣṭaṁ kaphapittaṁ madātyayē| | | āmāśayasthamutkliṣṭaṁ kaphapittaṁ madātyayē| |
| + | |
| vijñāya bahudōṣasya dahyamānasya [2] tr̥ṣyataḥ||141|| | | vijñāya bahudōṣasya dahyamānasya [2] tr̥ṣyataḥ||141|| |
| | | |
| madyaṁ drākṣārasaṁ tōyaṁ dattvā tarpaṇamēva vā| | | madyaṁ drākṣārasaṁ tōyaṁ dattvā tarpaṇamēva vā| |
| + | |
| niḥśēṣaṁ vāmayēcchīghramēvaṁ rōgādvimucyatē||142|| | | niḥśēṣaṁ vāmayēcchīghramēvaṁ rōgādvimucyatē||142|| |
| | | |
| kālē punastarpaṇādyaṁ kramaṁ kuryāt prakāṅkṣitē| | | kālē punastarpaṇādyaṁ kramaṁ kuryāt prakāṅkṣitē| |
| + | |
| tēnāgnirdīpyatē tasya dōṣaśēṣānnapācakaḥ||143|| | | tēnāgnirdīpyatē tasya dōṣaśēṣānnapācakaḥ||143|| |
| | | |
| kāsē saraktaniṣṭhīvē pārśvastanarujāsu ca| | | kāsē saraktaniṣṭhīvē pārśvastanarujāsu ca| |
| + | |
| tr̥ṣyatē savidāhē ca sōtklēśē hr̥dayōrasi||144|| | | tr̥ṣyatē savidāhē ca sōtklēśē hr̥dayōrasi||144|| |
| | | |
| guḍūcībhadramustānāṁ paṭōlasyāthavā bhiṣak| | | guḍūcībhadramustānāṁ paṭōlasyāthavā bhiṣak| |
| + | |
| rasaṁ sanāgaraṁ dadyāt tittiripratibhōjanam [3] ||145|| | | rasaṁ sanāgaraṁ dadyāt tittiripratibhōjanam [3] ||145|| |
| | | |
| tr̥ṣyatē cātibalavadvātapittē samuddhatē| | | tr̥ṣyatē cātibalavadvātapittē samuddhatē| |
| + | |
| dadyāddrākṣārasaṁ pātuṁ śītaṁ dōṣānulōmanam||146|| | | dadyāddrākṣārasaṁ pātuṁ śītaṁ dōṣānulōmanam||146|| |
| | | |
| jīrṇē samadhurāmlēna chāgamāṁsarasēna tam| | | jīrṇē samadhurāmlēna chāgamāṁsarasēna tam| |
| + | |
| bhōjanaṁ bhōjayēnmadyamanutarṣaṁ ca pāyayēt||147|| | | bhōjanaṁ bhōjayēnmadyamanutarṣaṁ ca pāyayēt||147|| |
| | | |
| anutarṣasya mātrā sā yayā nō dūṣyatē [4] manaḥ| | | anutarṣasya mātrā sā yayā nō dūṣyatē [4] manaḥ| |
| + | |
| tr̥ṣyatē madyamalpālpaṁ pradēyaṁ syādbahūdakam||148|| | | tr̥ṣyatē madyamalpālpaṁ pradēyaṁ syādbahūdakam||148|| |
| | | |
| tr̥ṣṇā yēnōpaśāmyēta madaṁ yēna ca nāpnuyāt| | | tr̥ṣṇā yēnōpaśāmyēta madaṁ yēna ca nāpnuyāt| |
| + | |
| parūṣakāṇāṁ pīlūnāṁ rasaṁ śītamathāpi [5] vā||149|| | | parūṣakāṇāṁ pīlūnāṁ rasaṁ śītamathāpi [5] vā||149|| |
| | | |
| parṇinīnāṁ catasr̥̄ṇāṁ pibēdvā śiśiraṁ jalam| | | parṇinīnāṁ catasr̥̄ṇāṁ pibēdvā śiśiraṁ jalam| |
| + | |
| mustadāḍimalājānāṁ [6] tr̥ṣṇāghnaṁ vā pibēdrasam||150|| | | mustadāḍimalājānāṁ [6] tr̥ṣṇāghnaṁ vā pibēdrasam||150|| |
| | | |
| kōladāḍimavr̥kṣāmlacukrīkācukrikārasaḥ| | | kōladāḍimavr̥kṣāmlacukrīkācukrikārasaḥ| |
| + | |
| pañcāmlakō mukhālēpaḥ sadyastr̥ṣṇāṁ niyacchati||151|| | | pañcāmlakō mukhālēpaḥ sadyastr̥ṣṇāṁ niyacchati||151|| |
| | | |
| śītalānyannapānāni śītaśayyāsanāni [7] ca| | | śītalānyannapānāni śītaśayyāsanāni [7] ca| |
| + | |
| śītavātajalasparśāḥ śītānyupavanāni ca||152|| | | śītavātajalasparśāḥ śītānyupavanāni ca||152|| |
| | | |
| kṣaumapadmōtpalānāṁ ca maṇīnāṁ mauktikasya ca| | | kṣaumapadmōtpalānāṁ ca maṇīnāṁ mauktikasya ca| |
| + | |
| candanōdakaśītānāṁ sparśāścandrāṁśuśītalāḥ||153|| | | candanōdakaśītānāṁ sparśāścandrāṁśuśītalāḥ||153|| |
| | | |
| hēmarājatakāṁsyānāṁ pātrāṇāṁ śītavāribhiḥ| | | hēmarājatakāṁsyānāṁ pātrāṇāṁ śītavāribhiḥ| |
| + | |
| pūrṇānāṁ himapūrṇānāṁ dr̥tīnāṁ pavanāhatāḥ||154|| | | pūrṇānāṁ himapūrṇānāṁ dr̥tīnāṁ pavanāhatāḥ||154|| |
| | | |
| saṁsparśāścandanārdrāṇāṁ nārīṇāṁ ca samārutāḥ| | | saṁsparśāścandanārdrāṇāṁ nārīṇāṁ ca samārutāḥ| |
| + | |
| candanānāṁ ca mukhyānāṁ śastāḥ pittamadātyayē [8] ||155|| | | candanānāṁ ca mukhyānāṁ śastāḥ pittamadātyayē [8] ||155|| |
| | | |
| śītavīryaṁ yadanyacca tat sarvaṁ viniyōjayēt| | | śītavīryaṁ yadanyacca tat sarvaṁ viniyōjayēt| |
| + | |
| kumudōtpalapatrāṇāṁ siktānāṁ candanāmbunā||156|| | | kumudōtpalapatrāṇāṁ siktānāṁ candanāmbunā||156|| |
| | | |
| hitāḥ sparśā manōjñānāṁ dāhē madyasamutthitē| | | hitāḥ sparśā manōjñānāṁ dāhē madyasamutthitē| |
| + | |
| kathāśca vividhāḥ śastāḥ [9] śabdāśca śikhināṁ śivāḥ||157|| | | kathāśca vividhāḥ śastāḥ [9] śabdāśca śikhināṁ śivāḥ||157|| |
| | | |
| tōyadānāṁ ca śabdā hi śamayanti madātyayam| | | tōyadānāṁ ca śabdā hi śamayanti madātyayam| |
| + | |
| jalayantrābhivarṣīṇi vātayantravahāni ca||158|| | | jalayantrābhivarṣīṇi vātayantravahāni ca||158|| |
| | | |
| kalpanīyāni bhiṣajā dāhē dhārāgr̥hāṇi ca| | | kalpanīyāni bhiṣajā dāhē dhārāgr̥hāṇi ca| |
| + | |
| phalinīsēvyalōdhrāmbuhēmapatraṁ kuṭannaṭam||159|| | | phalinīsēvyalōdhrāmbuhēmapatraṁ kuṭannaṭam||159|| |
| | | |
| kālīyakarasōpētaṁ dāhē śastaṁ pralēpanam| | | kālīyakarasōpētaṁ dāhē śastaṁ pralēpanam| |
| + | |
| badarīpallavōtthaśca tathaivāriṣṭakōdbhavaḥ||160|| | | badarīpallavōtthaśca tathaivāriṣṭakōdbhavaḥ||160|| |
| | | |
| phēnilāyāśca yaḥ phēnastairdāhē lēpanaṁ śubham| | | phēnilāyāśca yaḥ phēnastairdāhē lēpanaṁ śubham| |
| + | |
| surā samaṇḍā dadhyamlaṁ mātuluṅgarasō madhu||161|| | | surā samaṇḍā dadhyamlaṁ mātuluṅgarasō madhu||161|| |
| | | |
| sēkē pradēhē śasyantē dāhaghnāḥ sāmlakāñjikāḥ| | | sēkē pradēhē śasyantē dāhaghnāḥ sāmlakāñjikāḥ| |
| + | |
| pariṣēkāvagāhēṣu vyañjanānāṁ ca sēvanē||162|| | | pariṣēkāvagāhēṣu vyañjanānāṁ ca sēvanē||162|| |
| | | |
| śasyatē śiśiraṁ tōyaṁ dāhatr̥ṣṇāpraśāntayē| | | śasyatē śiśiraṁ tōyaṁ dāhatr̥ṣṇāpraśāntayē| |
| + | |
| mātrākālaprayuktēna karmaṇā'nēna śāmyati [10] ||163|| | | mātrākālaprayuktēna karmaṇā'nēna śāmyati [10] ||163|| |
| | | |
Line 2,035: |
Line 2,091: |
| | | |
| bhavyakharjUramRudvIkAparUShakarasairyutam [1] | | | bhavyakharjUramRudvIkAparUShakarasairyutam [1] | |
| + | |
| sadADimarasaM shItaM saktubhishcAvacUrNitam ||136|| | | sadADimarasaM shItaM saktubhishcAvacUrNitam ||136|| |
| | | |
| sasharkaraM shArkaraM vA mArdvIkamathavA~aparam | | | sasharkaraM shArkaraM vA mArdvIkamathavA~aparam | |
| + | |
| dadyAdbahUdakaM kAle pAtuM pittamadAtyaye ||137|| | | dadyAdbahUdakaM kAle pAtuM pittamadAtyaye ||137|| |
| | | |
| shashAn kapi~jjalAneNA@mllAvAnasitapucchakAn | | | shashAn kapi~jjalAneNA@mllAvAnasitapucchakAn | |
| + | |
| madhurAmlAn prayu~jjIta bhojane shAliShaShTikAn ||138|| | | madhurAmlAn prayu~jjIta bhojane shAliShaShTikAn ||138|| |
| | | |
| paTolayUShamishraM vA chAgalaM kalpayedrasam | | | paTolayUShamishraM vA chAgalaM kalpayedrasam | |
| + | |
| satInamudgamishraM vA dADimAmalakAnvitam ||139|| | | satInamudgamishraM vA dADimAmalakAnvitam ||139|| |
| | | |
| drAkShAmalakakharjUraparUShakarasena vA | | | drAkShAmalakakharjUraparUShakarasena vA | |
| + | |
| kalpayettarpaNAn yUShAn rasAMshca vividhAtmakAn ||140|| | | kalpayettarpaNAn yUShAn rasAMshca vividhAtmakAn ||140|| |
| | | |
| AmAshayasthamutkliShTaM kaphapittaM madAtyaye | | | AmAshayasthamutkliShTaM kaphapittaM madAtyaye | |
| + | |
| vij~jAya bahudoShasya dahyamAnasya [2] tRuShyataH ||141|| | | vij~jAya bahudoShasya dahyamAnasya [2] tRuShyataH ||141|| |
| | | |
| madyaM drAkShArasaM toyaM dattvA tarpaNameva vA | | | madyaM drAkShArasaM toyaM dattvA tarpaNameva vA | |
| + | |
| niHsheShaM vAmayecchIghramevaM rogAdvimucyate ||142|| | | niHsheShaM vAmayecchIghramevaM rogAdvimucyate ||142|| |
| | | |
| kAle punastarpaNAdyaM kramaM kuryAt prakA~gkShite | | | kAle punastarpaNAdyaM kramaM kuryAt prakA~gkShite | |
| + | |
| tenAgnirdIpyate tasya doShasheShAnnapAcakaH ||143|| | | tenAgnirdIpyate tasya doShasheShAnnapAcakaH ||143|| |
| | | |
| kAse saraktaniShThIve pArshvastanarujAsu ca | | | kAse saraktaniShThIve pArshvastanarujAsu ca | |
| + | |
| tRuShyate savidAhe ca sotkleshe hRudayorasi ||144|| | | tRuShyate savidAhe ca sotkleshe hRudayorasi ||144|| |
| | | |
| guDUcIbhadramustAnAM paTolasyAthavA bhiShak | | | guDUcIbhadramustAnAM paTolasyAthavA bhiShak | |
| + | |
| rasaM sanAgaraM dadyAt tittiripratibhojanam [3] ||145|| | | rasaM sanAgaraM dadyAt tittiripratibhojanam [3] ||145|| |
| | | |
| tRuShyate cAtibalavadvAtapitte samuddhate | | | tRuShyate cAtibalavadvAtapitte samuddhate | |
| + | |
| dadyAddrAkShArasaM pAtuM shItaM doShAnulomanam ||146|| | | dadyAddrAkShArasaM pAtuM shItaM doShAnulomanam ||146|| |
| | | |
| jIrNe samadhurAmlena chAgamAMsarasena tam | | | jIrNe samadhurAmlena chAgamAMsarasena tam | |
| + | |
| bhojanaM bhojayenmadyamanutarShaM ca pAyayet ||147|| | | bhojanaM bhojayenmadyamanutarShaM ca pAyayet ||147|| |
| | | |
| anutarShasya mAtrA sA yayA no dUShyate [4] manaH | | | anutarShasya mAtrA sA yayA no dUShyate [4] manaH | |
| + | |
| tRuShyate madyamalpAlpaM pradeyaM syAdbahUdakam ||148|| | | tRuShyate madyamalpAlpaM pradeyaM syAdbahUdakam ||148|| |
| | | |
| tRuShNA yenopashAmyeta madaM yena ca nApnuyAt | | | tRuShNA yenopashAmyeta madaM yena ca nApnuyAt | |
| + | |
| parUShakANAM pIlUnAM rasaM shItamathApi [5] vA ||149|| | | parUShakANAM pIlUnAM rasaM shItamathApi [5] vA ||149|| |
| | | |
| parNinInAM catasRUNAM pibedvA shishiraM jalam | | | parNinInAM catasRUNAM pibedvA shishiraM jalam | |
| + | |
| mustadADimalAjAnAM [6] tRuShNAghnaM vA pibedrasam ||150|| | | mustadADimalAjAnAM [6] tRuShNAghnaM vA pibedrasam ||150|| |
| | | |
| koladADimavRukShAmlacukrIkAcukrikArasaH | | | koladADimavRukShAmlacukrIkAcukrikArasaH | |
| + | |
| pa~jcAmlako mukhAlepaH sadyastRuShNAM niyacchati ||151|| | | pa~jcAmlako mukhAlepaH sadyastRuShNAM niyacchati ||151|| |
| | | |
| shItalAnyannapAnAni shItashayyAsanAni [7] ca | | | shItalAnyannapAnAni shItashayyAsanAni [7] ca | |
| + | |
| shItavAtajalasparshAH shItAnyupavanAni ca ||152|| | | shItavAtajalasparshAH shItAnyupavanAni ca ||152|| |
| | | |
| kShaumapadmotpalAnAM ca maNInAM mauktikasya ca | | | kShaumapadmotpalAnAM ca maNInAM mauktikasya ca | |
| + | |
| candanodakashItAnAM sparshAshcandrAMshushItalAH ||153|| | | candanodakashItAnAM sparshAshcandrAMshushItalAH ||153|| |
| | | |
| hemarAjatakAMsyAnAM pAtrANAM shItavAribhiH | | | hemarAjatakAMsyAnAM pAtrANAM shItavAribhiH | |
| + | |
| pUrNAnAM himapUrNAnAM dRutInAM pavanAhatAH ||154|| | | pUrNAnAM himapUrNAnAM dRutInAM pavanAhatAH ||154|| |
| | | |
| saMsparshAshcandanArdrANAM nArINAM ca samArutAH | | | saMsparshAshcandanArdrANAM nArINAM ca samArutAH | |
| + | |
| candanAnAM ca mukhyAnAM shastAH pittamadAtyaye [8] ||155|| | | candanAnAM ca mukhyAnAM shastAH pittamadAtyaye [8] ||155|| |
| | | |
| shItavIryaM yadanyacca tat sarvaM viniyojayet | | | shItavIryaM yadanyacca tat sarvaM viniyojayet | |
| + | |
| kumudotpalapatrANAM siktAnAM candanAmbunA ||156|| | | kumudotpalapatrANAM siktAnAM candanAmbunA ||156|| |
| | | |
| hitAH sparshA manoj~jAnAM dAhe madyasamutthite | | | hitAH sparshA manoj~jAnAM dAhe madyasamutthite | |
| + | |
| kathAshca vividhAH shastAH [9] shabdAshca shikhinAM shivAH ||157|| | | kathAshca vividhAH shastAH [9] shabdAshca shikhinAM shivAH ||157|| |
| | | |
| toyadAnAM ca shabdA hi shamayanti madAtyayam | | | toyadAnAM ca shabdA hi shamayanti madAtyayam | |
| + | |
| jalayantrAbhivarShINi vAtayantravahAni ca ||158|| | | jalayantrAbhivarShINi vAtayantravahAni ca ||158|| |
| | | |
| kalpanIyAni bhiShajA dAhe dhArAgRuhANi ca | | | kalpanIyAni bhiShajA dAhe dhArAgRuhANi ca | |
| + | |
| phalinIsevyalodhrAmbuhemapatraM kuTannaTam ||159|| | | phalinIsevyalodhrAmbuhemapatraM kuTannaTam ||159|| |
| | | |
| kAlIyakarasopetaM dAhe shastaM pralepanam | | | kAlIyakarasopetaM dAhe shastaM pralepanam | |
| + | |
| badarIpallavotthashca tathaivAriShTakodbhavaH ||160|| | | badarIpallavotthashca tathaivAriShTakodbhavaH ||160|| |
| | | |
| phenilAyAshca yaH phenastairdAhe lepanaM shubham | | | phenilAyAshca yaH phenastairdAhe lepanaM shubham | |
| + | |
| surA samaNDA dadhyamlaM mAtulu~ggaraso madhu ||161|| | | surA samaNDA dadhyamlaM mAtulu~ggaraso madhu ||161|| |
| | | |
| seke pradehe shasyante dAhaghnAH sAmlakA~jjikAH | | | seke pradehe shasyante dAhaghnAH sAmlakA~jjikAH | |
| + | |
| pariShekAvagAheShu vya~jjanAnAM ca sevane ||162|| | | pariShekAvagAheShu vya~jjanAnAM ca sevane ||162|| |
| | | |
| shasyate shishiraM toyaM dAhatRuShNAprashAntaye | | | shasyate shishiraM toyaM dAhatRuShNAprashAntaye | |
| + | |
| mAtrAkAlaprayuktena karmaNA~anena shAmyati [10] ||163|| | | mAtrAkAlaprayuktena karmaNA~anena shAmyati [10] ||163|| |
| | | |