Line 1,615: |
Line 1,615: |
| | | |
| मद्योत्क्लिष्टेन दोषेण रुद्धः [१] स्रोतःसु मारुतः | | | मद्योत्क्लिष्टेन दोषेण रुद्धः [१] स्रोतःसु मारुतः | |
| + | |
| करोति वेदनां तीव्रां शिरस्यस्थिषु सन्धिषु ||११७|| | | करोति वेदनां तीव्रां शिरस्यस्थिषु सन्धिषु ||११७|| |
| | | |
| दोषविष्यन्दनार्थं हि तस्मै [२] मद्यं विशेषतः | | | दोषविष्यन्दनार्थं हि तस्मै [२] मद्यं विशेषतः | |
| + | |
| व्यवायितीक्ष्णोष्णतया देयमम्ले(न्ये)षु सत्स्वपि ||११८|| | | व्यवायितीक्ष्णोष्णतया देयमम्ले(न्ये)षु सत्स्वपि ||११८|| |
| | | |
| स्रोतोविबन्धनुन्मद्यं मारुतस्यानुलोमनम् | | | स्रोतोविबन्धनुन्मद्यं मारुतस्यानुलोमनम् | |
| + | |
| रोचनं दीपनं चाग्नेरभ्यासात् सात्म्यमेव च ||११९|| | | रोचनं दीपनं चाग्नेरभ्यासात् सात्म्यमेव च ||११९|| |
| | | |
− | रुजः [३] स्रोतःस्वरुद्धेषु मारुते चानुलोमिते | | + | रुजः [३] स्रोतःस्वरुद्धेषु मारुते चानुलोमिते | |
| + | |
| निवर्तन्ते विकाराश्च शाम्यन्त्यस्य मदोदयाः ||१२०|| | | निवर्तन्ते विकाराश्च शाम्यन्त्यस्य मदोदयाः ||१२०|| |
| | | |
| बीजपूरकवृक्षाम्लकोलदाडिमसंयुतम् | | | बीजपूरकवृक्षाम्लकोलदाडिमसंयुतम् | |
| + | |
| यवानीहपुषाजाजीशृङ्गवेरावचूर्णितम् ||१२१|| | | यवानीहपुषाजाजीशृङ्गवेरावचूर्णितम् ||१२१|| |
| | | |
| सस्नेहैः शक्तुभिर्युक्तमवदंशैर्विरोचितम् [४] | | | सस्नेहैः शक्तुभिर्युक्तमवदंशैर्विरोचितम् [४] | |
| + | |
| दद्यात् सलवणं मद्यं पैष्टिकं वातशान्तये ||१२२|| | | दद्यात् सलवणं मद्यं पैष्टिकं वातशान्तये ||१२२|| |
| | | |
| दृष्ट्वा वातोल्बणं लिङ्गं रसैश्चैनमुपाचरेत् | | | दृष्ट्वा वातोल्बणं लिङ्गं रसैश्चैनमुपाचरेत् | |
| + | |
| लावतित्तिरदक्षाणां स्निग्धाम्लैः शिखिनामपि ||१२३|| | | लावतित्तिरदक्षाणां स्निग्धाम्लैः शिखिनामपि ||१२३|| |
| | | |
| पक्षिणां मृगमत्स्यानामानूपानां च संस्कृतैः | | | पक्षिणां मृगमत्स्यानामानूपानां च संस्कृतैः | |
| + | |
| भूशयप्रसहानां च रसैः शाल्योदनेन च ||१२४|| | | भूशयप्रसहानां च रसैः शाल्योदनेन च ||१२४|| |
| | | |
| स्निग्धोष्णलवणाम्लैश्च वेशवारैर्मुखप्रियैः | | | स्निग्धोष्णलवणाम्लैश्च वेशवारैर्मुखप्रियैः | |
| + | |
| चित्रैर्गौधूमिकैश्चान्नैर्वारुणीमण्डसंयुतैः [५] ||१२५|| | | चित्रैर्गौधूमिकैश्चान्नैर्वारुणीमण्डसंयुतैः [५] ||१२५|| |
| | | |
| पिशितार्द्रकगर्भाभिः स्निग्धाभिः पूपवर्तिभिः | | | पिशितार्द्रकगर्भाभिः स्निग्धाभिः पूपवर्तिभिः | |
| + | |
| माषपूपलिकाभिश्च वातिकं समुपाचरेत् ||१२६|| | | माषपूपलिकाभिश्च वातिकं समुपाचरेत् ||१२६|| |
| | | |
| नातिस्निग्धं न चाम्लेन युक्तं समरिचार्द्रकम् | | | नातिस्निग्धं न चाम्लेन युक्तं समरिचार्द्रकम् | |
| + | |
| मेद्यं प्रागुदितं मांसं दाडिमस्वरसेन वा ||१२७|| | | मेद्यं प्रागुदितं मांसं दाडिमस्वरसेन वा ||१२७|| |
| | | |
| पृथक्त्रिजातकोपेतं सधान्यमरिचार्द्रकम् | | | पृथक्त्रिजातकोपेतं सधान्यमरिचार्द्रकम् | |
| + | |
| रसप्रलेपि [६] सम्पूपैः सुखोष्णैः सम्प्रदापयेत् ||१२८|| | | रसप्रलेपि [६] सम्पूपैः सुखोष्णैः सम्प्रदापयेत् ||१२८|| |
| | | |
| भुक्ते [७] तु वारुणीमण्डं दद्यात् पातुं पिपासवे | | | भुक्ते [७] तु वारुणीमण्डं दद्यात् पातुं पिपासवे | |
| + | |
| दाडिमस्य रसं वाऽपि जलं वा पाञ्चमूलिकम् ||१२९|| | | दाडिमस्य रसं वाऽपि जलं वा पाञ्चमूलिकम् ||१२९|| |
| | | |
| धान्यनागरतोयं च दधिमण्डमथापि वा | | | धान्यनागरतोयं च दधिमण्डमथापि वा | |
| + | |
| अम्लकाञ्जिकमण्डं वा शुक्तोदकमथापि वा ||१३०|| | | अम्लकाञ्जिकमण्डं वा शुक्तोदकमथापि वा ||१३०|| |
| | | |
| कर्मणाऽनेन सिद्धेन विकार उपशाम्यति | | | कर्मणाऽनेन सिद्धेन विकार उपशाम्यति | |
| + | |
| मात्राकालप्रयुक्तेन बलं वर्णश्च वर्धते ||१३१|| | | मात्राकालप्रयुक्तेन बलं वर्णश्च वर्धते ||१३१|| |
| | | |
Line 1,663: |
Line 1,678: |
| | | |
| अभ्यङ्गोत्सादनैः स्नानैरुष्णैः प्रावरणैर्घनैः | | | अभ्यङ्गोत्सादनैः स्नानैरुष्णैः प्रावरणैर्घनैः | |
| + | |
| घनैरगुरुपङ्कैश्च धूपैश्चागुरुजैर्घनैः ||१३३|| | | घनैरगुरुपङ्कैश्च धूपैश्चागुरुजैर्घनैः ||१३३|| |
| | | |
| नारीणां यौवनोष्णानां निर्दयैरुपगूहनैः | | | नारीणां यौवनोष्णानां निर्दयैरुपगूहनैः | |
| + | |
| श्रोण्यूरुकुचभारैश्च संरोधोष्णसुखावहैः ||१३४|| | | श्रोण्यूरुकुचभारैश्च संरोधोष्णसुखावहैः ||१३४|| |
| | | |
| शयनाच्छादनैरुष्णैरुष्णैश्चान्तर्गृहैः सुखैः | | | शयनाच्छादनैरुष्णैरुष्णैश्चान्तर्गृहैः सुखैः | |
| + | |
| मारुतप्रबलः शीघ्रं प्रशाम्यति मदात्ययः ||१३५|| | | मारुतप्रबलः शीघ्रं प्रशाम्यति मदात्ययः ||१३५|| |
| | | |
− | madyōtkliṣṭēna dōṣēṇa ruddhaḥ [1] srōtaḥsu mārutaḥ| | + | madyōtkliṣṭēna dōṣēṇa ruddhaḥ [1] srōtaḥsu mārutaḥ| |
| + | |
| karōti vēdanāṁ tīvrāṁ śirasyasthiṣu sandhiṣu||117|| | | karōti vēdanāṁ tīvrāṁ śirasyasthiṣu sandhiṣu||117|| |
| | | |
| dōṣaviṣyandanārthaṁ hi tasmai [2] madyaṁ viśēṣataḥ| | | dōṣaviṣyandanārthaṁ hi tasmai [2] madyaṁ viśēṣataḥ| |
| + | |
| vyavāyitīkṣṇōṣṇatayā dēyamamlē(nyē)ṣu satsvapi||118|| | | vyavāyitīkṣṇōṣṇatayā dēyamamlē(nyē)ṣu satsvapi||118|| |
| | | |
| srōtōvibandhanunmadyaṁ mārutasyānulōmanam| | | srōtōvibandhanunmadyaṁ mārutasyānulōmanam| |
| + | |
| rōcanaṁ dīpanaṁ cāgnērabhyāsāt sātmyamēva ca||119|| | | rōcanaṁ dīpanaṁ cāgnērabhyāsāt sātmyamēva ca||119|| |
| | | |
| rujaḥ [3] srōtaḥsvaruddhēṣu mārutē cānulōmitē| | | rujaḥ [3] srōtaḥsvaruddhēṣu mārutē cānulōmitē| |
| + | |
| nivartantē vikārāśca śāmyantyasya madōdayāḥ||120|| | | nivartantē vikārāśca śāmyantyasya madōdayāḥ||120|| |
| | | |
| bījapūrakavr̥kṣāmlakōladāḍimasaṁyutam| | | bījapūrakavr̥kṣāmlakōladāḍimasaṁyutam| |
| + | |
| yavānīhapuṣājājīśr̥ṅgavērāvacūrṇitam||121|| | | yavānīhapuṣājājīśr̥ṅgavērāvacūrṇitam||121|| |
| | | |
| sasnēhaiḥ śaktubhiryuktamavadaṁśairvirōcitam [4] | | | sasnēhaiḥ śaktubhiryuktamavadaṁśairvirōcitam [4] | |
| + | |
| dadyāt salavaṇaṁ madyaṁ paiṣṭikaṁ vātaśāntayē||122|| | | dadyāt salavaṇaṁ madyaṁ paiṣṭikaṁ vātaśāntayē||122|| |
| | | |
| dr̥ṣṭvā vātōlbaṇaṁ liṅgaṁ rasaiścainamupācarēt| | | dr̥ṣṭvā vātōlbaṇaṁ liṅgaṁ rasaiścainamupācarēt| |
| + | |
| lāvatittiradakṣāṇāṁ snigdhāmlaiḥ śikhināmapi||123|| | | lāvatittiradakṣāṇāṁ snigdhāmlaiḥ śikhināmapi||123|| |
| | | |
| pakṣiṇāṁ mr̥gamatsyānāmānūpānāṁ ca saṁskr̥taiḥ| | | pakṣiṇāṁ mr̥gamatsyānāmānūpānāṁ ca saṁskr̥taiḥ| |
| + | |
| bhūśayaprasahānāṁ ca rasaiḥ śālyōdanēna ca||124|| | | bhūśayaprasahānāṁ ca rasaiḥ śālyōdanēna ca||124|| |
| | | |
| snigdhōṣṇalavaṇāmlaiśca vēśavārairmukhapriyaiḥ| | | snigdhōṣṇalavaṇāmlaiśca vēśavārairmukhapriyaiḥ| |
| + | |
| citrairgaudhūmikaiścānnairvāruṇīmaṇḍasaṁyutaiḥ [5] ||125|| | | citrairgaudhūmikaiścānnairvāruṇīmaṇḍasaṁyutaiḥ [5] ||125|| |
| | | |
| piśitārdrakagarbhābhiḥ snigdhābhiḥ pūpavartibhiḥ| | | piśitārdrakagarbhābhiḥ snigdhābhiḥ pūpavartibhiḥ| |
| + | |
| māṣapūpalikābhiśca vātikaṁ samupācarēt||126|| | | māṣapūpalikābhiśca vātikaṁ samupācarēt||126|| |
| | | |
| nātisnigdhaṁ na cāmlēna yuktaṁ samaricārdrakam| | | nātisnigdhaṁ na cāmlēna yuktaṁ samaricārdrakam| |
| + | |
| mēdyaṁ prāguditaṁ māṁsaṁ dāḍimasvarasēna vā||127|| | | mēdyaṁ prāguditaṁ māṁsaṁ dāḍimasvarasēna vā||127|| |
| | | |
| pr̥thaktrijātakōpētaṁ sadhānyamaricārdrakam| | | pr̥thaktrijātakōpētaṁ sadhānyamaricārdrakam| |
| + | |
| rasapralēpi [6] sampūpaiḥ sukhōṣṇaiḥ sampradāpayēt||128|| | | rasapralēpi [6] sampūpaiḥ sukhōṣṇaiḥ sampradāpayēt||128|| |
| | | |
| bhuktē [7] tu vāruṇīmaṇḍaṁ dadyāt pātuṁ pipāsavē| | | bhuktē [7] tu vāruṇīmaṇḍaṁ dadyāt pātuṁ pipāsavē| |
| + | |
| dāḍimasya rasaṁ vā'pi jalaṁ vā pāñcamūlikam||129|| | | dāḍimasya rasaṁ vā'pi jalaṁ vā pāñcamūlikam||129|| |
| | | |
| dhānyanāgaratōyaṁ ca dadhimaṇḍamathāpi vā| | | dhānyanāgaratōyaṁ ca dadhimaṇḍamathāpi vā| |
| + | |
| amlakāñjikamaṇḍaṁ vā śuktōdakamathāpi vā||130|| | | amlakāñjikamaṇḍaṁ vā śuktōdakamathāpi vā||130|| |
| | | |
| karmaṇā'nēna siddhēna vikāra upaśāmyati| | | karmaṇā'nēna siddhēna vikāra upaśāmyati| |
| + | |
| mātrākālaprayuktēna balaṁ varṇaśca vardhatē||131|| | | mātrākālaprayuktēna balaṁ varṇaśca vardhatē||131|| |
| | | |
| rāgaṣāḍavasaṁyōgairvividhairbhaktarōcanaiḥ| | | rāgaṣāḍavasaṁyōgairvividhairbhaktarōcanaiḥ| |
| + | |
| piśitaiḥ śākapiṣṭānnairyavagōdhūmaśālibhiḥ||132|| | | piśitaiḥ śākapiṣṭānnairyavagōdhūmaśālibhiḥ||132|| |
| | | |
| abhyaṅgōtsādanaiḥ snānairuṣṇaiḥ prāvaraṇairghanaiḥ| | | abhyaṅgōtsādanaiḥ snānairuṣṇaiḥ prāvaraṇairghanaiḥ| |
| + | |
| ghanairagurupaṅkaiśca dhūpaiścāgurujairghanaiḥ||133|| | | ghanairagurupaṅkaiśca dhūpaiścāgurujairghanaiḥ||133|| |
| | | |
| nārīṇāṁ yauvanōṣṇānāṁ nirdayairupagūhanaiḥ| | | nārīṇāṁ yauvanōṣṇānāṁ nirdayairupagūhanaiḥ| |
| + | |
| śrōṇyūrukucabhāraiśca saṁrōdhōṣṇasukhāvahaiḥ||134|| | | śrōṇyūrukucabhāraiśca saṁrōdhōṣṇasukhāvahaiḥ||134|| |
| | | |
| śayanācchādanairuṣṇairuṣṇaiścāntargr̥haiḥ sukhaiḥ| | | śayanācchādanairuṣṇairuṣṇaiścāntargr̥haiḥ sukhaiḥ| |
| + | |
| mārutaprabalaḥ śīghraṁ praśāmyati madātyayaḥ||135|| | | mārutaprabalaḥ śīghraṁ praśāmyati madātyayaḥ||135|| |
| | | |
| madyotkliShTena doSheNa ruddhaH [1] srotaHsu mArutaH | | | madyotkliShTena doSheNa ruddhaH [1] srotaHsu mArutaH | |
| + | |
| karoti vedanAM tIvrAM shirasyasthiShu sandhiShu ||117|| | | karoti vedanAM tIvrAM shirasyasthiShu sandhiShu ||117|| |
| | | |
| doShaviShyandanArthaM hi tasmai [2] madyaM visheShataH | | | doShaviShyandanArthaM hi tasmai [2] madyaM visheShataH | |
| + | |
| vyavAyitIkShNoShNatayA deyamamle(nye)Shu satsvapi ||118|| | | vyavAyitIkShNoShNatayA deyamamle(nye)Shu satsvapi ||118|| |
| | | |
| srotovibandhanunmadyaM mArutasyAnulomanam | | | srotovibandhanunmadyaM mArutasyAnulomanam | |
| + | |
| rocanaM dIpanaM cAgnerabhyAsAt sAtmyameva ca ||119|| | | rocanaM dIpanaM cAgnerabhyAsAt sAtmyameva ca ||119|| |
| | | |
| rujaH [3] srotaHsvaruddheShu mArute cAnulomite | | | rujaH [3] srotaHsvaruddheShu mArute cAnulomite | |
| + | |
| nivartante vikArAshca shAmyantyasya madodayAH ||120|| | | nivartante vikArAshca shAmyantyasya madodayAH ||120|| |
| | | |
| bIjapUrakavRukShAmlakoladADimasaMyutam | | | bIjapUrakavRukShAmlakoladADimasaMyutam | |
| + | |
| yavAnIhapuShAjAjIshRu~ggaverAvacUrNitam ||121|| | | yavAnIhapuShAjAjIshRu~ggaverAvacUrNitam ||121|| |
| | | |
| sasnehaiH shaktubhiryuktamavadaMshairvirocitam [4] | | | sasnehaiH shaktubhiryuktamavadaMshairvirocitam [4] | |
| + | |
| dadyAt salavaNaM madyaM paiShTikaM vAtashAntaye ||122|| | | dadyAt salavaNaM madyaM paiShTikaM vAtashAntaye ||122|| |
| | | |
| dRuShTvA vAtolbaNaM li~ggaM rasaishcainamupAcaret | | | dRuShTvA vAtolbaNaM li~ggaM rasaishcainamupAcaret | |
| + | |
| lAvatittiradakShANAM snigdhAmlaiH shikhinAmapi ||123|| | | lAvatittiradakShANAM snigdhAmlaiH shikhinAmapi ||123|| |
| | | |
| pakShiNAM mRugamatsyAnAmAnUpAnAM ca saMskRutaiH | | | pakShiNAM mRugamatsyAnAmAnUpAnAM ca saMskRutaiH | |
| + | |
| bhUshayaprasahAnAM ca rasaiH shAlyodanena ca ||124|| | | bhUshayaprasahAnAM ca rasaiH shAlyodanena ca ||124|| |
| | | |
| snigdhoShNalavaNAmlaishca veshavArairmukhapriyaiH | | | snigdhoShNalavaNAmlaishca veshavArairmukhapriyaiH | |
| + | |
| citrairgaudhUmikaishcAnnairvAruNImaNDasaMyutaiH [5] ||125|| | | citrairgaudhUmikaishcAnnairvAruNImaNDasaMyutaiH [5] ||125|| |
| | | |
| pishitArdrakagarbhAbhiH snigdhAbhiH pUpavartibhiH | | | pishitArdrakagarbhAbhiH snigdhAbhiH pUpavartibhiH | |
| + | |
| mAShapUpalikAbhishca vAtikaM samupAcaret ||126|| | | mAShapUpalikAbhishca vAtikaM samupAcaret ||126|| |
| | | |
| nAtisnigdhaM na cAmlena yuktaM samaricArdrakam | | | nAtisnigdhaM na cAmlena yuktaM samaricArdrakam | |
| + | |
| medyaM prAguditaM mAMsaM dADimasvarasena vA ||127|| | | medyaM prAguditaM mAMsaM dADimasvarasena vA ||127|| |
| | | |
| pRuthaktrijAtakopetaM sadhAnyamaricArdrakam | | | pRuthaktrijAtakopetaM sadhAnyamaricArdrakam | |
| + | |
| rasapralepi [6] sampUpaiH sukhoShNaiH sampradApayet ||128|| | | rasapralepi [6] sampUpaiH sukhoShNaiH sampradApayet ||128|| |
| | | |
| bhukte [7] tu vAruNImaNDaM dadyAt pAtuM pipAsave | | | bhukte [7] tu vAruNImaNDaM dadyAt pAtuM pipAsave | |
| + | |
| dADimasya rasaM vA~api jalaM vA pA~jcamUlikam ||129|| | | dADimasya rasaM vA~api jalaM vA pA~jcamUlikam ||129|| |
| | | |
| dhAnyanAgaratoyaM ca dadhimaNDamathApi vA | | | dhAnyanAgaratoyaM ca dadhimaNDamathApi vA | |
| + | |
| amlakA~jjikamaNDaM vA shuktodakamathApi vA ||130|| | | amlakA~jjikamaNDaM vA shuktodakamathApi vA ||130|| |
| | | |
| karmaNA~anena siddhena vikAra upashAmyati | | | karmaNA~anena siddhena vikAra upashAmyati | |
| + | |
| mAtrAkAlaprayuktena balaM varNashca vardhate ||131|| | | mAtrAkAlaprayuktena balaM varNashca vardhate ||131|| |
| | | |
| rAgaShADavasaMyogairvividhairbhaktarocanaiH | | | rAgaShADavasaMyogairvividhairbhaktarocanaiH | |
| + | |
| pishitaiH shAkapiShTAnnairyavagodhUmashAlibhiH ||132|| | | pishitaiH shAkapiShTAnnairyavagodhUmashAlibhiH ||132|| |
| | | |
| abhya~ggotsAdanaiH snAnairuShNaiH prAvaraNairghanaiH | | | abhya~ggotsAdanaiH snAnairuShNaiH prAvaraNairghanaiH | |
| + | |
| ghanairagurupa~gkaishca dhUpaishcAgurujairghanaiH ||133|| | | ghanairagurupa~gkaishca dhUpaishcAgurujairghanaiH ||133|| |
| | | |
| nArINAM yauvanoShNAnAM nirdayairupagUhanaiH | | | nArINAM yauvanoShNAnAM nirdayairupagUhanaiH | |
| + | |
| shroNyUrukucabhAraishca saMrodhoShNasukhAvahaiH ||134|| | | shroNyUrukucabhAraishca saMrodhoShNasukhAvahaiH ||134|| |
| | | |
| shayanAcchAdanairuShNairuShNaishcAntargRuhaiH sukhaiH | | | shayanAcchAdanairuShNairuShNaishcAntargRuhaiH sukhaiH | |
| + | |
| mArutaprabalaH shIghraM prashAmyati madAtyayaH ||135|| | | mArutaprabalaH shIghraM prashAmyati madAtyayaH ||135|| |
| | | |